समाज कल्याण अधिकारियों की घेराबंदी में जुटी, घोटाले की परतें खोलने में जुटी एसआइटी ने अब तत्कालीन..


छात्रवृत्ति घोटाले की परतें खोलने में जुटी एसआइटी ने अब तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों की घेराबंदी शुरू कर दी है। पुलिस ने वर्ष 2010 से वर्ष 2016 के बीच हरिद्वार जनपद में तैनात रहे अधिकारियों का कच्चा चिट्ठा तैयार कर लिया है। बहुत जल्द ऐसे दो अधिकारियों को एसआइटी गिरफ्तार कर सकती है।

छात्रवृत्ति घोटाले की पड़ताल में जुटी एसआइटी ने पिछले एक माह में अपनी जांच तेजी से आगे बढ़ाई है। छानबीन में सामने आया है कि छात्रवृत्ति का असली खेल वर्ष 2010 से वर्ष 2015 के बीच हुआ है। इस दरम्यान कॉलेज संचालकों, अधिकारियों और कुछ नेताओं ने मिलकर बड़े पैमाने पर छात्रवृत्ति की बंदरबांट की है। एसआइटी अभी तक पांच कॉलेजों में करीब 23 करोड़ रुपये का गड़बड़झाला पकड़ चुकी है। पांच आरोपितों को भी एसआइटी ने गिरफ्तार किया है। सूत्र बताते हैं कि अब तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। चूंकि इन सभी पांच कॉलेजों में समाज कल्याण विभाग आंख बंद कर करोड़ों की रकम भेजता रहा। छात्रवृत्ति लेने वाले अधिकांश छात्र-छात्राओं का कोई रिकार्ड ही नहीं मिला है। जबकि मंगलौर में तो एसआइटी को कॉलेज की जगह खंडहर ही मौजूद मिला। इस कॉलेज का वर्ष 2010 के बाद मान्यता तक नहीं मिली। इसके बावजूद समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने आखिर किस लालच या दबाव में ढाई करोड़ रुपये जारी कर दिए। धनौरी में चलने वाले तीन कॉलेजों को 14 करोड़ रुपये बिना कुछ सोचे समझे जारी कर दिए गए। पूरे घोटाले में वर्ष 2010 से वर्ष 2016 तक हरिद्वार जनपद में तैनात रहे समाज कल्याण अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इनमें कुछ रिटायर्ड भी हो चुके हैं। एक पूर्व मंत्री के चहेते दो अधिकारी इस खेल के बड़े खिलाड़ी रहे हैं।

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एसआइटी ने इन दोनों को राडार पर लिया है। सूत्र बताते हैं कि उनकी गिरफ्तारी के लिए आला अधिकारियों से विचार विमर्श किया जा रहा है। घेराबंदी होने से अधिकारियों की धड़कनें बढ़नी शुरू हो गई हैं। माना जा रहा है कि इसी हफ्ते कुछ और गिरफ्तारियां होंगी। वहीं एसआइटी के प्रमुख मंजूनाथ टीसी का कहना है कि जांच में जिन लोगों के खिलाफ भी सुबूत मिलते जाएंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाता रहेगा।

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विधायक के भाई सहित तीनों को भेजा जेल

हरिद्वार: छात्रवृत्ति घोटाले में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए मंगलौर विधायक के भाई सहित तीनों आरोपितों को सिडकुल पुलिस ने जेल भेज दिया। मंगलौर के टेकवर्ड वली ग्रामोद्योग विकास संस्थान ग्रुप आफ इंस्टीटयूशंस की कुंडली खंगालने पर वर्ष 2012 से 2015 के बीच अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के तौर पर करीब 2.54 करोड़ रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। एसआइटी ने मंगलवार को संस्थान के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल पुत्र लालचंद निवासी जीटी रोड मंगलौर, सचिव संजय बंसल पुत्र एचपी बंसल निवासी 32 ईसी रोड, देहरादून व कोषाध्यक्ष और मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन के भाई काजी नूरउददीन पुत्र काजी मोहियूद्दीन निवासी किला मंगलौर को गिरफ्तार किया था। चूंकि घोटाले में मुकदमा सिडकुल थाने में दर्ज हुआ है, लिहाजा एसआइटी ने तीनों आरोपितों को सिडकुल थाना पुलिस के हवाले कर दिया। बुधवार को तीनों को जेल भेज दिया गया।

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