प्रसिद्ध उद्योगपति शशांक जिंदल ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर (राष्ट्र को आवाहन) कार्यक्रम में की शिरकत बच्चों को पुस्तक भेंट कर कहा स्वामी विवेकानंद युवाओं के आदर्श


नितिन कुमार रुड़की हब
रुड़की
।।प्रसिद्ध उद्योगपति शशांक जिंदल स्वामी विवेकानंद की जयंती पर साकेत स्थित हार्मिलाप धर्मशाला पहुंचे और कार्यक्रम में शिरकत की शशांक जिंदल ने बच्चों को पुस्तक भेंट कर कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं के आदर्श हैं और हमारे देश का गौरव है यह कहते हुए शशांक जिंदल ने कहा कि उनका मंत्र था।

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए’ का संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्त्रो‍त, समाज सुधारक युवा युग-पुरुष ‘स्वामी विवेकानंद’ का जन्म आज के ही दिन 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ। इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद की ओजस्वी वाणी भारत में तब उम्मीद की किरण लेकर आई जब भारत पराधीन था और भारत के लोग अंग्रेजों के जुल्म सह रहे थे। हर तरफ सिर्फ दु्ख और निराशा के बादल छाए हुए थे। उन्होंने भारत के सोए हुए समाज को जगाया और उनमें नई ऊर्जा-उमंग का प्रसार किया।

विश्वभर में जब भारत को निम्न दृष्टि से देखा जाता था, ऐसे में स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1883 को शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में हिन्दू धर्म पर प्रभावी भाषण देकर दुनियाभर में भारतीय अध्यात्म का डंका बजाया। अन्तत: 4 जुलाई 1902 की संध्या को सदा के लिए उनकी जीवन-लीला समाप्त हो गई ।

आज भी स्वामी विवेकानंद को उनके विचारों और आदर्शों के कारण जाना जाता है। आज भी वे कई युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बने हुए हैं। किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते हैं। उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। आज के पारिदृश्य में जहां चारों ओर भ्रष्टाचार, बुराई, अपराध का बोलबाला है जो घुन बनकर देश को अंदर ही अंदर खाए जा रहे हैं। ऐसे में देश की युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराना अत्यंत आवश्यक है। विवेकानंद जी के विचारों में वह क्रांति और तेज है जो सारे युवाओं को नई चेतना से भर दे। उनमें नई ऊर्जा और सकारात्कमता का संचार कर दे।

अंत में मैं केवल इतना कहूंगा कि वे भारतीय युवाओं के लिए आदर्श हैं और उनके जीवन के अनुभव हमेशा हम सब को प्रेरित करते रहेंगे । इस समारोह में इकट्ठा होने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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