कोयले की ढांग के नीचे दबकर कर्मचारी की मौत


Warning: mysqli_query(): (HY000/1021): Disk full (/tmp/mysqltmp/#sql-temptable-4f8f-1bbd9a-d2d3.MAI); waiting for someone to free some space... (errno: 28 "No space left on device") in /home/ubmvailgvt0w/public_html/wp-includes/class-wpdb.php on line 2349

एक टायर फैक्टरी में कर्मचारी की कोयले की ढांग के नीचे दबकर मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, घटना से नाराज परिजनों ने फैक्टरी के बाहर जमकर हंगामा किया और धरने पर बैठ गए।

कोतवाली क्षेत्र के अकौढ़ा खुर्द गांव निवासी सोनित (26) क्षेत्र स्थित एक टायर फैक्टरी में ठेकेदार के अंडर में बाॅयलर डिपार्टमेंट में कार्य करता था। सोमवार को वह काम कर रहा था कि अचानक कोयले की ढांग उसके ऊपर आकर गिर गई और वह दब गया। आसपास मौजूद कर्मचारियों ने उसे किसी तरह ढांग के नीचे से निकालकर एंबुलेंस से हरिद्वार स्थित भूमानंद अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

वहीं, सूचना मिलते ही परिजन व ग्रामीण एकत्रित होकर फैक्टरी के बाहर पहुंचे और हंगामा कर दिया। परिजनों ने फैक्टरी प्रबंधन से मृतक के बेटे अनुराग के बालिग होने पर नौकरी और 50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की। साथ ही आरोप लगाया कि प्रबंधन व ठेकेदार की लापरवाही के चलते हादसा हुआ है। फैक्टरी प्रबंधन कर्मचारियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देता है।

चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह फैक्टरी नहीं चलने देंगे। इस दौरान इंद्रावती, संसार वती, सुषमा, सुमन देवी, रमेश, अजीत, मोनू, सोनू, सुनील, मोनित आदि मौजूद रहे। वहीं, भीम आर्मी के कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली। उधर, कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

परिवार में अकेला कमाने वाला था सोनित
ग्रामीणों ने बताया कि सोनित के परिवार में उनकी माता रामकली और पिता रमेश के अलावा पत्नी रेशमा देवी व तीन बच्चे अनुराग, अभि व बेटी रिया हैं। संदीप के दो भाइयों की पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। सोनित ठेकेदार के पास काम कर अपने परिवार का खर्च चला रहा था। उधर, मृतका की पत्नी रेशमा का कहना है कि पति ड्यूटी पर जाते समय जल्दी घर वापस आने की बात कहकर गए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *