…तो किसी दिन वैध अंग्रेजी शराब भी न ले ले जान! रुड़की क्षेत्र में सक्रिय है सस्ती शराब महंगे ब्रांड की बोतलों में भरने वाला गिरोह..

रुड़की(संदीप तोमर) फरवरी माह में जहरीली शराब से झबरेड़ा व भगवानपुर थाना क्षेत्रों में हुई तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत के मामले से आबकारी,पुलिस व प्रशानिक अमले ने कितना सबक लिया?इसका अंदाजा देहरादून में इसी प्रकार जहरीली शराब के सेवन से कल आधा दर्जन लोगों की मौत हो जाने की घटना से लगाया जा सकता है। इस घटना को लेकर भी अब ठीक उसी तरह बड़ी बड़ी कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं,जैसे फरवरी माह में जहरीली शराब कांड के बाद किये गए थे। कुछ दिन हो हल्ले के बाद यह मामला भी शायद दब जाएगा,जबकि सुनियोजित तरीके से शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई न होने के कारण उसके हौंसले बुलंद ही रहेंगे। ऐसे में कल फिर कोई इस तरह का कांड हो जाये,इससे इनकार नही किया जा सकता।

खैर शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई के मामले में कतई असंवेदनशील दिखने वाले आबकारी विभाग पर अभी तक उसकी खुद की लापरवाही के कारण शराब माफिया हावी रहा है। रुड़की जहरीली शराब कांड में कच्ची शराब में जहरीला कैमिकल मिला होने से मौतें होने की बात साफ हुई थी। देहरादून की घटना में किस तरह की शराब मौतों का कारण बनी यह अभी अधिकारिक रूप से साफ होना शेष हैं। किंतु अभी तक जो जानकारी सूत्रों से सामने आई है उसके मुताबिक मिलावटी देशी शराब इस कांड का कारण बनी। जाहिर है कि यदि ऐसा ही हुआ है तो आबकारी विभाग का देशी शराब की अवैध बिक्री और फिर उसमें मिलावट हो जाने को लेकर बड़ा फेलियर हैं। इसमें जो भी कार्रवाई होगी,वह जहां देखने वाली बात होगी,वहीं अगर रुड़की क्षेत्र की बात करें तो जो सूचनाएं मिल रही हैं उनके मुताबिक अंग्रेजी शराब के ठेकों पर वैध रूप से बेचे जाने वाली अंग्रेजी शराब भी यहां किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है। दरअसल सूत्रों ने जो सूचना दी है उसके मुताबिक यहां सस्ती अंग्रेजी शराब महंगे ब्रांड की बोतलों में भरने वाला गिरोह सक्रिय है और बड़े पैमाने पर यहां विभिन्न अंग्रेजी ठेकों पर अपने काम को अंजाम दे रहा है। ध्यान रहे कि इस तरह का एक बड़ा गिरोह हाल ही में उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा पकड़ा गया है। यह गिरोह सस्ती शराब महंगे ब्रांड की बोतलों में भरने के साथ ही नशे की मात्रा बढ़ाने के लिए शराब में अन्य तरीके से मिलावट भी करता है,ऐसा सूत्रों का कहना है। यूं इस गिरोह द्वारा कई अंग्रेजी शराब के ठेकों पर इस गोरखधंधे को अंजाम दिए जाने की सूचना है लेकिन अकेले मालवीय चौक स्थित अंग्रेजी ठेके से ही लगातार शराब खरीदने वाले कई लोगों ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि कई बार उनके द्वारा खरीदी गई महंगी ब्रांड की शराब की बोतल में ढक्कन तो ज्यूं का त्यूं था,जबकिं शराब निकली हुई थी। इसके अलावा यहां ज्यादातर ठेके ऐसे हैं जिनसे खरीदी जाने वाली शराब की बोतलों के ढक्कन हिले हुए होते हैं और उन्हें देखकर साफ लगता है कि उनसे कोई छेड़छाड की गई है। यही नही अक्सर महंगे ब्रांड पीकर भी सिर पकड़ लेना,चक्कर आना या उल्टी दस्त लगने जैसी शिकायतें यह लोग करते हैं। लोगों की यह सब बातें सूत्रों द्वारा दी गयी इस गिरोह की सक्रियता की सूचना की ओर इशारा करती हैं। देखना यह होगा कि भारी भरकम ओवर रेटिंग तक को लेकर कोई अभियान न चलाने वाला आबकारी विभाग अथवा पुलिस इन गम्भीर सूचनाओं पर कितना गम्भीर होती है? वह भी पहले झबरेड़ा जहरीली शराब कांड और अब देहरादून की घटना के बाद।

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