ओबीसी विभाग के चेयरमैन आशीष सैनी ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति

हरिद्वार में गत दिवस आयोजित भाजपा का ओबीसी के प्रबुद्धजन सम्मेलन पूर्णतः दिशाहीन एवं भ्रम फैलाने का माध्यम मात्र रहा। राज्य में सरकार चला रही भाजपा ओबीसी वर्ग के हितों के साथ अनदेखी एवं छल कर रही है। भाजपा ओबीसी वर्ग का नेतृत्व राज्य से बाहर के उन पदाधिकारियों को सौंप रही है, जिनके स्वयं के ओबीसी प्रमाणपत्र तक भी उपलब्ध नहीं है। उक्त विचार उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस, ओबीसी विभाग के चेयरमैन आशीष सैनी ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में व्यक्त किए।


उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस, ओबीसी विभाग के चेयरमैन आशीष सैनी ने कहा कि भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ केवल वोटबैंक के लिए छल करने के लिए भाजपा का मुखौटा मात्र है क्योंकि राज्य के ओबीसी वर्ग को भाजपा पर भरोसा घटने लगा है। सरकारी नौकरी एवं आरक्षण का लाभ तक लेने के लिए भाजपा सरकार के इशारे पर ओबीसी वर्ग को तरसाया जाना भाजपा एवं राज्य सरकार का सबसे बड़ा पाप साबित होगा । सरकारी योजनाओं में प्रत्येक स्तर पर कटौती, भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी आरक्षित वर्ग के अधिकार पर राज्य सरकार का सीधा हमला है। छात्रवृत्ति घोटाला, भर्ती घोटाला, पेपरलीक प्रकरण आदि में भाजपा नेताओं की संलिप्तता राज्य सरकार की मंशा का स्पष्ट उदाहरण हैउन्होंने कहा कि देश में जातिगत जनगणना की मांग पर निर्णय लेने के बजाय राज्य सरकार के मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता केवल विपक्ष को कोसकर ओबीसी के हितों की अनदेखी कर रही है। ओबीसी वर्ग के नौकरियों में आरक्षण को प्रभावित करने के लिए राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग, केवल पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर ही कैंची चला रहा है। पिछले पंचायत चुनाव में आरक्षित वर्ग के लिए सीटे आरक्षित करने के लिए पंचायत राज एक्ट के अनुसार कार्य करने के स्थान पर मनमानी का प्रर्दशन करते हुए सीटों का आरक्षण को घटा दिया। राज्य में चल रहे भर्ती घोटाले और पेपरलीक की घटनाएं आरक्षित वर्ग को प्रभावित एवं प्रताड़ित करने का माध्यम मात्र बनकर रह गया है।

उन्होंने कहा कि सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि भाजपा का ओबीसी प्रकोष्ठ केवल वोटबैंक के लिए मुखौटा बनकर ओबीसी के हितों पर निरन्तर कुठाराघात कर रहा है। प्रबुद्धजन सम्मेलन में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने बजाय सरकार की झूठी प्रशंसा की ढपली बजा रहे हैं। सच्चाई यह है कि ओबीसी के हितों की नौटंकी वह पदाधिकारी कर रहे हैं जिनके स्वयं के ओबीसी प्रमाणपत्र भी नहीं है। राज्य में नियमानुसार ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने में आनाकानी कर सरकार के मंसूबे स्पष्ट हो जाते हैं, परन्तु भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ केवल छल करने के लिए भाजपा का मुखौटा मात्र है क्योंकि राज्य के ओबीसी वर्ग का भाजपा पर भरोसा तेजी से घटने लगा है।

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