जोशीमठ नगर के ऊपर पांच चक्कर लगाकर चला गया हेलीकॉप्टर, जिला प्रशासन को नहीं खबर

नगर में भू-धंसाव के बाद राज्य और केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियां भू-धंसाव की सर्वे में लगी हुई हैं। रविवार को एक हेलीकॉप्टर ने नगर के पांच चक्कर लगाए। हेलीकॉप्टर नगर के चारों और चक्कर लगाने के बाद चले गया। यह हेलीकॉप्टर कहां से आया था और आसमान से क्या हवाई सर्वे की गई, इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को भी कुछ पता नहीं है।तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि पूर्व में यह जानकारी मिली थी कि 26 फरवरी को एक टीम की ओर से नगर का हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा। हो सकता है यह हेलीकॉप्टर उन्हीं का रहा होगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि हेलीकॉप्टर कहां से आया और क्या सर्वेक्षण किया गया, इसकी जिला प्रशासन को जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, सुनील वार्ड में एक टीम की ओर से भू-धंसाव वाले क्षेत्रों का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया जा रहा है।


दूसरी तरफ भू-धंसाव से जूझ रहे जोशीमठ नगर में रविवार को सुबह अचानक नृसिंह मंदिर के पैदल मार्ग पर जलस्रोत फूट पड़ा। इससे इसके बाइपास मार्ग पर दरारें भी बढ़ गईं। लोगों में अफरातफरी फैल गई। सूचना पर प्रशासनिक अफसरों ने हालात का जायजा लिया और भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। बाद में लोक निर्माण विभाग कार्यालय के समीप स्थित पानी के दो टैंकों की सप्लाई बंद की गई जिससे कुछ ही देर में पानी का रिसाव भी बंद हो गया।रविवार को सुबह लगभग 10 बजे नृसिंह मंदिर मार्ग पर लोक निर्माण विभाग कार्यालय के समीप अचानक पानी का स्रोत फूट पड़ा। जेपीकालोनी में इसी तरह के स्रोत के फूटने के बाद बढ़ी दरारों से दहशत झेल चुके लोगों में अफरातफरी मच गई। भीड़ जुटने लगी। सूचना पर तहसील अधिकारियों की टीम भी पहुंची।अधिकारियों ने रिसाव का निरीक्षण किया और जल संस्थान के कर्मियों को समीप ही स्थित पानी के टैंकों की सप्लाई बंद करने के लिए कहा। टैंकों की सप्लाई बंद करते ही रास्ते पर फूटे जलस्रोत से भी पानी कम होने लगा। दोपहर में करीब एक बजे पानी का रिसाव पूरी तरह से बंद हो गया।नृसिंह मंदिर मार्ग से ही बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा का संचालन होना है। बीते समय में भू-धंसाव से नृसिंह मंदिर रोड को भी नुकसान पहुंचा है। यहां कई जगहों पर सड़क पर दरारें पड़ी हैं। मारवाड़ी होटल से नृसिंह मंदिर और पेट्रोल पंप तक कई जगहों पर सड़क बदहाल स्थिति में पहुंच गई है।
बुस उडियार के पास सड़क पर कई सालों से भू-धंसाव हो रहा है, जो अब धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पिछले साल भू-धंसाव को रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से यहां सड़क के करीब 40 मीटर हिस्से में टाइल्स भी लगाई गई, लेकिन सड़क धंसने का सिलसिला नहीं रुक पाया है।
व्यापार संघ अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी ने बताया कि रिसाव वाली जगह पर पानी साफ था, लेकिन निचले क्षेत्रों में पानी के साथ मिट्टी बहकर गई और यह मटमैला हो गया था, जिससे लोगों में जमीन धंसने का डर सताने लगा। पानी का रिसाव बंद होने पर लोगों ने राहत महसूस की।

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