रुड़की(संदीप तोमर)।जनपद हरिद्वार के लालढांग स्थित मौहल्ला पुरी के डॉक्टर तेज सिंह तरियाल की क्लीनिक को हरिद्वार सीएमओ द्वारा सील करने को पूरी तरह गैरकानूनी बताते हुए आयुष चिकित्सकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने विभिन्न लिखित साक्ष्यों व तथ्यों के आधार पर इस कार्रवाई को पूरी तरह अवैध ठहराते हुए सील खोलने को 10 दिन का समय दिया है। अन्यथा की स्थिति में इन चिकित्सकों ने भविष्य में सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के मेले या ऐसे आयोजनों में आयुष चिकित्सकों की सेवाएं लेने की बाबत बहिष्कार की चेतावनी दी है।
आज यहां एक होटल में नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा)के बैनर तले प्रेस वार्ता करते हुए संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर इरफान उल हक व महासचिव डॉ. रजा अहमद ने उक्त प्रकरण की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सीएमओ ने अपनी पोस्ट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। क्लीनिक की सील ना खुलने पर पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। इन चिकित्सकों ने बताया कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी स्टे में साफ लिखा गया है कि कोई भी आयुर्वेद या यूनानी चिकित्सक एलोपैथिक की प्रैक्टिस करता हो तो मामले का फैसला आने तक ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। महासचिव डॉ. रजा अहमद ने सवाल उठाया कि एक तरफ सरकार कावड़ के साथ ही कुंभ मेला समेत अन्य बड़े आयोजनों में ऐसे चिकित्सकों की सेवाएं लेते हैं जबकि दूसरी तरफ उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 285 आयुष चिकित्सक राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में कार्यरत हैं और सभी एलोपैथी दवाई का प्रयोग करते हैं। डॉ. रजा अहमद ने कहा कि लालढांग में जिस क्लीनिक को सीएमओ द्वारा एलोपैथिक दवाइयां इस्तेमाल करने के आरोप में सीज किया गया है तो वहीं सीएमओ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सकों को किस आधार पर आकस्मिक सहायता ड्यूटी में लगा लगाती हैं? इसका कारण वह कैसे स्पष्ट करेगी,क्योंकि इससे जुड़े सभी चिकित्सक आयुर्वेद के हैं और वह एलोपैथिक दवाइयां ही प्रयोग करते हैं। उन्होंने जानकारी दी कि किसी भी आयुष चिकित्सक के क्लीनिक पर छापा डालने के लिए एक बोर्ड का गठन होता है। जिसमें जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी का होना अति आवश्यक होता है परंतु इस मामले में सीएमओ द्वारा ऐसा करना जरूरी नहीं समझा गया जो कि एक तरह की हिटलर शाही है। नीमा से जुड़े चिकित्सकों ने इस मामले में 10 दिन का समय देते हुए चेतावनी दी कि यदि 10 दिन के भीतर उक्त क्लीनिक की सील नहीं खोली गई तो प्रदेश भर के 7000 आयुष चिकित्सक आंदोलन करने को मजबूर होंगे। साथ ही सीएमओ हरिद्वार के खिलाफ न्यायालय की शरण लेंगे। जबकि आगामी समय में सरकार विभिन्न बड़े आयोजनों में जो उनकी ड्यूटी लगाएगी तो उसका बहिष्कार किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ अंजू, डॉक्टर अनीश, डॉक्टर सतीश गुप्ता, डॉक्टर शाहवेज,डॉ राजीव, डॉ सैयद, डॉ महजर,डॉक्टर विवेक, डॉ विपिन,डॉ सनावर, डॉ आलमगीर, डॉक्टर शाहिद व डॉ आशीष सैनी आदि उपस्थित थे।