रुड़की(संदीप तोमर)। कथित समाजसेवा के फोटो बढ़चढ़कर खिंचवाने और ऐसे फोटो के जरिये शोसल मीडिया पर समाजसेवा के बड़े दावे करने को लेकर चर्चित मेयर गौरव गोयल ने कल अपने पुत्र प्रणव गोयल के जन्मदिन के अवसर पर जानबूझकर किया या उनसे बड़ी चूक हो गयी? जानबूझकर या चूक वश जो भी हुआ ऐसा हुआ कि आला पुलिस अफसरों द्वारा जारी निर्देशों का भी उन्होंने न सिर्फ उल्लंघन कर दिया,बल्कि इंसानी नैतिकता भी ताक पर रख दी?
दरअसल कल मेयर गौरव गोयल के सुपुत्र प्रणव गोयल का जन्मदिन था। उन्होंने पुत्र के जन्मदिन को गौशाला में गायों को चारा खिलाते और अनाथ बालकों के दो स्थानों पर अनाथ बालकों को उपहार भेंट कर मनाया। उनका यहां तक का काम सारा ठीक था,लेकिन आला पुलिस अफसरों के निर्देशों के हवाले से बात करें तो गौरव गोयल ने चूक की या जानबूझकर किया,हुआ ये कि अनाथ व बेसहारा बालकों के फोटो भी उन्होंने खिंचवाए और मीडिया को भी जारी किए। जबकिं आला पुलिस अफसरों,जिनमें डीजी(लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार तक शामिल हैं,के निर्देश हैं कि कोरोना के दृष्टिगत कोई भी व्यक्ति किसी जरूरतमंद का फोटो उसकी सहायता करते हुए नही लेगा। हालांकि गौरव गोयल ने अपने पुत्र से जो अनाथ बालकों को उपहार भेंट कराएं,वह कोरोना के दृष्टिगत नही थे,लेकिन खुद मौजूद रहकर पुत्र के हाथों इस प्रकार उपहार वितरित कराने तक तो बात ठीक लगती है,किन्तु क्या उन अनाथ बालकों के फोटो इस प्रकार लेने और मीडिया को जारी करने में नैतिकता की परतें नही उखड़ रही है?यह सवाल समाज के ऊपर छोड़ दे रहे हैं। बाकि रुड़की हब ने कल भी अनाथ बालकों वाला फोटो मेयर गौरव गोयल की खबर में नही दिया था,आज भी जो फोटो खबर में प्रमाणिकता के लिए दिया जा रहा है,उसमें अनाथ बालकों की चेहरे की पहचान छुपा दी गयी है। खैर इस सम्बंधी खबर में मेयर गौरव गोयल ने इंसानी सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया था,लेकिन दिलचस्प कि वह यह भूल गए कि इससे भी बड़ा धर्म वह होता है कि दान इस हाथ दे तो दूसरे हाथ को भी पता न लगे। फिर भी लोगों को जागरूक करने के लिए बताना जरूरी ही हो,तो कम से कम जरूरतमंद की पहचान छुपाकर रखी जाए। बहरहाल यह हाल तब है जब ऐसी ही फोटोग्राफी के चक्कर में लॉक डाउन उल्लंघन तक का मामला मेयर के खिलाफ दर्ज हो चुका है।