रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।।महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर जाट समाज सेवा समिति के संस्थापक चौ.राजेन्द्र सिंह कि अध्यक्षता में वीर पराक्रमी महायोद्दा महाराजा सूरजमल का 260 वा बलिदान दिवस को शौर्य दिवस के रूप में रुड़की में सर्वसमाज की और से पुष्प अर्पित व श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश संयोजक चौ. रोबिन सिंह साखन ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की महाराजा सूरजमल ने अपने जीवनकाल में किसी को भी सहायता करने में निराश नहीं किया ।उन्होंने अपने दुश्मन की भी संकट में मदद की। वे ऐसे यौद्धा थे जिन्होंने आमने सामने की लडाई में कभी शिकस्त नहीं खाई।
लेकिन 25 दिसम्बर 1763 को दिल्ली के निकट सेना के निरीक्षण के लिए निकले महाराजा सूरजमल पर शियद्ध ओर उनके दल ने घात लगाकर हमला किया । इससे महाराजा सूरजमल वीर गति को प्राप्त हो गये । इसलिए इस दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है । वे हिन्दूस्तान के प्रथम राजा थे जो जीवनकाल में एक भी युद्ध नहीं हारे उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
युवा जिला अध्यक्ष चौ.विवेक सिंह ने कहा महाराजा सूरजमल
किसी एक जाति,समाज या क्षेत्र के महाराजा नहीं थे अपितु उनके उद्दार ह्रदय एवं वीरता ने जन जन का नायक बनाया उन्होंने अभेद लोहागढ किले का निर्माण करवाया था जिसे अंग्रेज और मुगल 13 बार आक्रमण करके भी भेद नहीं पाये। यह देश का एक मात्र किला है जो हमेशा अभेद रहा। इतिहासकार कर्ण सिंह कहा कि उनकी बहादुरी की मिसाल इतिहास के किताबों में दर्ज है। उन्होंने 80 युद्ध लड़े, लेकिन वह कभी पराजित नहीं हुए। ऐसा गौरवपूर्ण इतिहास दुनिया में शायद ही किसी और राजा का रहा होगा।
इस अवसर पर महासचिव चौ. रामपाल पंवार, विक्रांत चौधरी, अभिषेक चौधरी, प्रिंस चौधरी, यश बालियान, रमेश सिंह, नरेंद्र सिंह, सेवाराम चौधरी , अजय वर्मा, सुधीर चौधरी, कन्हाया चौधरी, डाo हिमांशु बाना, चंदन चौधरी , सुरेंद्र चौधरी , सी बी आज़ाद, जितेंद्र चौधरी, दीपचंद सिंह, अजय वर्मा, तेजपाल सिंह, अजय सिंह, जोगेंद्र चौधरी , अंकित सिंह, निकुंज आदि।