रुड़की हब द्वारा आयोजित विराट कवि सम्मेलन शब्दांजली में राष्ट्रीय कवियों ने मोहा रूड़की वासियों का दिल

इमरान देशभक्त रुड़की
रुड़की।हिंदी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन मालवीय चौक स्थित आनंदम ग्राउंड में हुआ, जिसमें देर रात तक देश के प्रसिद्ध कवियों ने अपनी देशभक्ति रचनाओं तथा मौजूदा हालात एवं राजनीतिक परिदृश्य पर कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध खूब वाहवाही लूटी।अतिथि के रूप में पहुंचे कवि सम्मेलन का उद्घाटन वरिष्ठ भाजपा नेता ललित मोहन अग्रवाल ,पंडित रजनीश शास्त्री,पूर्व विधायक सुरेश चंद जैन,भाजपा नेता गौरव गोयल,संजय अरोड़ा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।अतिथिगणों द्वारा कवि सम्मेलनों के आयोजन पर विचार प्रकट करते हुए कहा गया कि कवि सम्मेलन भारतीय संस्कृति को बचाने के साथ-साथ हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में भी सहायक सिद्ध होते हैं,ऐसे आयोजनों से जहां समाज जागरूकता उत्पन्न होती है,वहीं उनमें देशभक्ति एवं राष्ट्रप्रेम की भावना भी जागृत होती है।युवा कवि किसलय क्रांतिकारी की कविता से सम्मेलन का आगाज हुआ तथा कार्यक्रम के अंत में सभी कवियों को कार्यक्रम आयोजक कवि विनीत भारद्वाज,पंडित गौरव वत्स,नितिन कुमार आदि द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

श्रृंगार रस की कवित्री गौरी मिश्रा द्वारा रुड़की नगर की नन्हीं बालिका प्रतिभा को सुंदर कविता प्रस्तुत करने पर इक्यावन सौ रुपए देकर सम्मानित किया गया।संचालन किसलय क्रांतिकारी द्वारा किया गया तथा अंत में कार्यक्रम आयोजक द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।

मुरादाबाद से पधारे हास्य कवि डॉ.प्रतीक गुप्ता ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पढ़ा कि...
मान बांटता हूं सम्मान बांटता हूं मैं,
सच्चा सुंदर टिकाऊ ज्ञान बांटता हूं मैं।
मेरी मां ने सिखलाया है एक हुनर मुझको,
अपने शब्दों से बस मुस्कान बांटता हूं मैं।

नैनीताल से पधारी कवित्री गौरी मिश्रा ने बेटी के स्वाभिमान का अपने शब्दों में कुछ इस तरह से पढ़ा कि

बताऊं क्या कि कैसे मुल्क की पहचान जिंदा है,
हर एक बेटी के मन में उनका स्वाभिमान जिंदा है।
बहुत मजबूर है लेकिन यहां मजदूर बनकर भी,
तपस्या त्याग के बल पर यह हिंदुस्तान जिंदा है।

उभरते युवा कवि एचबी शायर ने पढ़ा कि…
एक लक्ष्मण एक सीता एक दीपक आस का,
एक भोगी और भी है राम के बनवास का।

देहरादून से पधारी कवित्री महिमा श्री की रचनाओं ने श्रोताओं की खूब वाहवाही लूटी उन्होंने पढ़ा कि
खत पढ़ना उनका और वह सीने से लगाना,
यादों में डूब कर वो मेरा आंसू बहाना।
अब फोन के इस दौर में वह बात नहीं है,
ऐ काश लौट आए वह चिट्ठी का जमाना।

प्रसिद्ध शायर श्रीकांत श्री की रचनाओं ने श्रोताओं के मन में देशभक्ति का भाव भर दिया, उन्होंने पढ़ा कि…
नमन करना या मत करना कोई कुछ न कहेगा पर,
शहीदों की शहादत को कभी बदनाम मत करना।
इनके अलावा मैनपुरी से पधारे ओजस्वी कवि मनोज चौहान, विनीत भारद्वाज,कवि विनय प्रताप,एलेश अवस्थी आगरा आदि की रचनाओं ने भी खूब तालियां बटोरी।
इस अवसर पर कार्यक्रम सह-संयोजक शशांक जिंदल,सतीश शर्मा, किरण भाटिया,डॉ.अनिल शर्मा,रश्मि चौधरी,जेपी शर्मा,प्रदुमन पोसवाल,अंकित चौधरी,हरीश शर्मा,मनोज शर्मा,सूर्यवीर मलिक,ठाकुर संजय सिंह,संजय वत्स,संदीप तोमर,प्रिंस शर्मा,सुभाष सक्सेना,दीपक अरोड़ा, योगराज,दीपक शर्मा,मोनू शर्मा,रेहाना कमर, नरेंद्र कुमार,सुशील शर्मा,इमरान देशभक्त आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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