जादू केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को जानने का भी माध्यम,मेयर गौरव गोयल


रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।
जादू जैसी प्राचीन कला को भारत में बचाए रखने के लिए उसके संरक्षण की आवश्यकता है।जादू केवल मनोरंजन मात्र ही नहीं बल्कि एक भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को जानने का भी एक माध्यम है।उक्त बात


मेयर गौरव गोयल ने रुड़की वैशाली मंडप में लगे सम्राट जादू के पहले दिन शो के उद्घाटन अवसर पर फीता काटते हुए व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति के चलते हिंदुस्तान की सबसे

प्राचीन विद्या जादू जैसे मनोरंजन कार्यक्रमों से भी मुक्त होती जा रही है।मेयर गौरव गोयल ने कहा कि आज जादू की आड़ में कुछ पाखंडी छोटे-छोटे चमत्कार करके जनमानस को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं,जिनसे बचने की आवश्यकता है।विधायक ममता राकेश ने दीप


प्रज्वलित करते हुए कहा कि जादू जैसी सांस्कृतिक कला को विकसित करने में तथा समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का श्रेय समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं को जाता है,यद्यपि जादू प्रेमी लेखकों ने दर्जनों से ज्यादा पत्रिकाएं प्रकाशित की हैं,परंतु अधिकांश पत्रिकाएं किसी ना किसी

कारण से अल्पायु में ही कालकवलित हो गई हैं।आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने जादूगर सम्राट को पगड़ी पहना तूने अपना आशीर्वाद दिया।इस अवसर पर फिल्म सिटी डायरेक्टर ओमवीर सैनी,शायर अफजल मंगलौरी,गोपाल नारसन,राजीव चंद्रा,अरविंद कुमार प्राचार्य,विपिन तोमर,वैज्ञानिक मनोहर अरोड़ा,दिगंबर सिंह,विपिन जोशी,दौलत राम,पवन शर्मा,एसपी बडोला,बीएस नेगी,सिया राम,मनोज कुमार आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।संचालन शशि सैनी द्वारा किया गया।

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