लोन घोटाले के आरोपियों के लिए बुरी खबर, वरिष्ठ अधिवक्ता ने थानेदार को भी लपेटा

लोन घोटाले के आरोपियों के लिए बुरी खबर, वरिष्ठ अधिवक्ता ने रानीपुर थानेदार को भी लपेटा

वीर चंद्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत हुए कथित लोन घोटाले में कोर्ट के आदेश के बावजूद मुकदमा दर्ज ना करने पर रानीपुर थानेदार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का वाद दायर किया गया है। लोन घोटाले के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अकेले लडाई लड रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया कि 19 जनवरी को इस मामले में अपर सिविल जज एसडी ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश रानीपुर थानेदार साधना त्यागी को दिए थे। 25 जनवरी को रानीपुर पुलिस को आदेश प्राप्त हो गया था। लेकिन 28 जनवरी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। आज तक इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, जबकि कोर्ट में सरकारी वकील द्वारा रिवीजन का बहाना लिया जा रहा है। loan scam advocate file complaint against police officer
जबकि कोर्ट ने भी अभी तक स्टे नहीं दिया है। ऐसे में कोर्ट से मांग की गई है कि कोर्ट की अवमानना के तहत रानीपुर थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले में कोर्ट ने एक फरवरी को रानीपुर पुलिस से जवाब तलब किया है। वही रानीपुर थाना प्रभारी साधना त्यागी कोर्ट में सरकारी वकील द्वारा इस मामले में रिवीजन दाखिल किया गया है। ऐसे में मुकदमा दर्ज करने की सूरत—ए—हाल कोर्ट की अगले फैसले के अनुसार ही किया जाएगा।
आपको बता दें कि 2003—04 से 2011 तक वीर चंद्र सिंह गढवाली योजना के तहत 252 लोगों को करोडों रुपए के लोन वितरित किए गए है। योजना के मुताबिक बेरोजगार लोगों को लोन दिया जाना था लेकिन कई करोडपतियों और राजनीति से जुडे लोगों ने लोन हासिल कर लिया। इसके खिलाफ अरुण भदौरिया ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और कोर्ट ने इस मामले में तत्तकालीन जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए थे।

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