शिक्षक ही समाज की आधारशिला :: संध्या पाल

नितिन कुमार

ब्रिज कोर्स प्रशिक्षुओं ने आयोजित किया विदाई समारोह

रूडकी!
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रूडकी में बीएड ब्रिज कोर्स प्रशिक्षु शिक्षको की वर्क बेस्ड एक्टीविटी की 10दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर विदायी समारोह आयोजित किया गया।प्रशिक्षु शिक्षको ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोर्स समन्वयक श्रीमती संध्या पाल ने कहा कि शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूजनीय रहा है। कोई उसे गुरु कहता है, कोई शिक्षक कहता है, कोई आचार्य कहता है, तो कोई अध्यापक या टीचर कहता है ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है। सही मायनो में कहा जाये तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है। शिक्षक ही समाज की आधारशिला है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है।
डायट प्रवक्ता राजीव आर्य ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है। अगर राष्ट्र की शिक्षा नीति अच्छी है तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता है।
डायट प्रवक्ता मुजीब अहमद ने कहा कि हमारे शिक्षक ही एक सुदृढ़ और विकासशील देश की मजबूत नींव हैं, बच्चों के माता-पिता के अलावा शिक्षक ही बच्चों के ज्ञान और जीवन मूल्यों का मुख्य आधार हैं।उन्होने कहा कि किसी भी बच्चे/ छात्र और समाज का भविष्य शिक्षकों के हाथ में पूरी तरह सुरक्षित होता है, इसीलिये शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता भी कहा जाता है।
डायट प्रवक्ता जान आलम व राकेश त्यागी ने भी प्रशिक्षु शिक्षको को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी ताकत है जो भय, अंधकार, अज्ञान, अंधविश्वास, घृणा तथा हीन भावना से मुक्त करती है। वह जीवंत है, ऊर्जा और उम्मीदों से भरी है, इसमें किसी प्रकार का अवसाद या किसी भी तरह की हताशा नहीं है। उन्होने कहा कि शिक्षा में सापेक्षता की भावना निहित है। यह जहां अपनी तकलीफों के प्रति सचेत करती है वहीं दूसरों के दुख को अनुभव करने की क्षमता भी उत्पन्न करती है।
वैष्णवसैनी ने भी आह्वान किया कि शिक्षण के दौरान
शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो हमारे मन में ज्ञान के लिए अनुराग और उसकी भूख पैदा करे। वरिष्ठ प्रवक्ता कमलेश पंवार और डॉ ए के सिंह ने पूरी कार्यशाला के दौरान प्रशिक्षुओं के अनुशासन और सीखने की लगनशीलता की प्रशंसा करते हुए डायट परिवार की और से परीक्षाओं के लिये शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु शिक्षको ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये! श्रीमती शिखा शर्मा ने मंच संचालन किया। स्वरचित कविता पाठ कर विभिन्न प्रशिक्षुओ ने वाह वाही बटोरी।
कार्यक्रम में संजय वत्स, ललित गुप्ता, शिखा शर्मा, अंजू बाला,रेणु सिंह,सफिया, अमित कुमार, मनोज सैनी, मिर्ज़ा इब्राहिम, गौरव कुमार, कुलदीप सिंह, अंजलि त्यागी, सोनल, रितिका, मीता शर्मा, मीनाक्षी, मीना, किरण, जुनैद, अभिषेक, आरिफ, पूजा, अर्चना, अफ़ज़ाल, पूजा, प्रीति, संदीप शर्मा, राजेन्द्र, नेहा, रीना, विनीता, नविता, संगीत,रेणु, शशि रावत, सुमन टांक, रीतू जैन, मीनाक्षी खंडूरी, अन्नू रानी, हरित, ज्योति, मीनाक्षी, नीतू, मीनाक्षी जेतली, शांति, दीपिका, माधुरी रावत, दीपा शर्मा, पूजा गौतम, सुरेंद्र रावत, अनामिका, पलक छाबरा, सोनल, अर्पणा,उषा, निरुपम,नीरज शर्मा, प्रभाकर शुक्ला, अकरम खान,रितिका सरीन,नूरा अफ़सान, अभिषेक यादव आदि मौजूद रहे।

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