राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सरकारी एजेंसियों को जोशीमठ में भूमि धंसने से संबंधित किसी भी विवरण को साझा करने पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है।
उत्तराखंड के जोशीमठ में भूमि धंसने का मामला जहां वहां के नागरिगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है वहीं अब इसपर अब सियासत भी तेज हो गई है। पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि जोशीमठ से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी को साझा करने पर रोक न लगाई जाए। इससे लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पाएगी। दरअसल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सरकारी एजेंसियों को जोशीमठ में भूमि धंसने से संबंधित किसी भी विवरण को साझा करने पर रोक लगा दी है। इसके बाद से ही विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है।
खरगे ने किया ट्वीट
जोशीमठ मामले पर खरगे ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि आपदा को हल करने और जनता की समस्याओं को हल करने के बजाय, सरकारी एजेंसियों – इसरो और मीडिया की बातचीत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नरेंद्र मोदी जी, ”डोंट शूट द मैसेंजर।” यानी खरगे ने साफ-साफ कहा कि मोदी जी संदेशवाहक पर रोक मत लगाइए।
एनडीएमए ने क्या कहा?
एनडीएमए ने शुक्रवार शाम को जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा ऐसा देखा गया है कि विभिन्न सरकारी संस्थान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में विषय वस्तु से संबंधित डेटा जारी कर रहे हैं और साथ ही वे स्थिति की अपनी व्याख्या के साथ मीडिया के साथ बातचीत कर रहे हैं। यह न केवल प्रभावित निवासियों बल्कि देश के नागरिकों के बीच भी भ्रम पैदा कर रहा है। 12 जनवरी, 2023 को माननीय केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान इस मुद्दे पर प्रकाश डाला गया था।