भजनों के माध्यम से व्यक्त किये स्वामी दयानन्द के आदर्श,रुड़की में आर्य समाज रामनगर का 43 वां वार्षिक उत्सव प्रारम्भ


रुड़की(संदीप तोमर)आर्य समाज रामनगर रुड़की का 43 वां वार्षिक उत्सव का आज प्रातः यज्ञ के साथ आरंभ हुआ। जिसमें यज्ञ मदन पाल शर्मा द्वारा किया गया। यज्ञ में यजमान और अन्य आर्य समाज से आए आए हुए विद्वानों ने उसमें भाग लिया। उसके उपरांत भजन उपदेशक योगेश आर्य व उनके सहायक सुभाष आर्य द्वारा स्वामी दयानन्द के बताये आदर्शों को भजनों के माध्यम से व्यक्त किया। तदोपरांत आर्य जगत के विद्वान गुरुकुल कांगडी हरिद्वार से आये आचार्य शमनुदेव आर्य द्वारा आर्य समाज के विचार धाराओं पर अपना उपदेश दिए। जिसमें आचार्य मनु देव ने यह बताया कि सभी को स्वामी दयानंद के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। उन्हीं के बताए अनुसार हमें वेदों का अनुसरण करना चाहिए ।संसार पर उपकार करना ही आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है। मनुदेव द्वारा बताया गया ऋषि दयानंद ने जिस वेद की व्याख्या की है, उसका ही पालन करना अनिवार्य है। मनुष्य कर्म करते हुए ही 100 साल जीने की इच्छा करें, बिना कर्म किए कोई फल नहीं मिलता है। आज के कार्यक्रम में विभिन्न आर्य समाज से आए प्रतिनिधि आर्य समाज बीटी गंज, आर्य समाज नंद विहार ,आर्य समाज गणेशपुर आर्य समाज अकोढ़ा खुर्द के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया व शहर के विद्वान प्रबुद्ध जन लोग उसमें शामिल हुए। आज के कार्यक्रम में अध्यक्ष श्रीमती उषा,श्रीमती पुष्पा प्रधान श्रीमती संतोष,रामेश्वर प्रसाद, ज्ञान चंद,मदन पाल शर्मा जी तेजपाल सिंह चौहान,अशोक आर्य,संदीप यादव,विनोद कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

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