बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड में शनिवार देर रात नाला उफान पर आ गया था जिसके चलते बदरीनाथ धाम जा रही एक बुलेरो नाले में फंस गई। गोविंदघाट के थाना प्रभारी एसआई. एस जुयाल ने बताया वाहन में सवार श्रदालुओं को थाने में रुकवाया गया है। यात्री पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। हाईवे बंद होने से सभी वाहनों को पांडुकेश्वर में ही रोका गया है।
छिनका में बदरीनाथ हाईवे शनिवार को करीब पांच घंटे तक बाधित रहा। यहां सुबह करीब पांच बजे पहाड़ी का एक हिस्सा भरभराकर हाईवे पर आ गया, जिससे हाईवे के दोनों ओर से वाहनों की लंबी लाइन लग गई। सुबह दस बजे हाईवे के खुलने पर तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। यहां अब भी पहाड़ी पर पत्थर और मलबा अटका हुआ है, जिससे यहां खतरा टला नहीं है।
छिनका में दो दिन पूर्व करीब सौ मीटर हिस्से में पहाड़ी टूटकर हाईवे पर आ गई थी, जिससे दिनभर हाईवे बाधित रहा। शनिवार को भी सुबह पांच बजे बारिश के बाद पहाड़ी से पेड़ों के साथ मलबा भरभराकर हाईवे पर आ गया, जिससे यहां वाहनों की आवाजाही थम गई। देखते ही देखते हाईवे के दोनों ओर से वाहनों की लंबी लाइन लग गई।
तीर्थयात्रियों ने अपने वाहनों में बैठकर ही हाईवे के खुलने का इंतजार किया। मौके पर पहुंची एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास) की दो जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा हटाया गया। तब जाकर सुबह करीब दस बजे वाहनों की आवाजाही सुचारू हो पाई। एनएचआईडीसीएल के सहायक अभियंता राजेश मौर्य ने बताया कि हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। यहां कमजोर पहाड़ी रह-रहकर टूट रही है। मौके पर दो जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं।
जिला मुख्यालय गोपेश्वर के मुर्गी फार्म मोहल्ले में स्थित गैस गोदाम में भारी बारिश से मलबा भर गया। गोदाम के पीछे की दीवार क्षतिग्रस्त होने से मिट्टी के साथ पानी अंदर घुसा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम का यह गैस गोदाम पिछले एक साल से जर्जर बना हुआ है। लेकिन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
भारी बारिश के कारण मलबा और पुश्ता टूटने से चमोली जनपद में छह मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि सेमा-बैरों-थिरपाक-कांडई, घुर्माकुंडी, हापला-कलसिर-धोतीधार, कनकचौंरी-पोगठा, हापला-गुणम-नैल और गौचर-डमडमा मोटर मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हैं। सड़कों को सुचारू करने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं। इधर, सड़कें अवरुद्ध होने से ग्रामीणों को मीलों दूरी पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है।
वहीं कोटद्वार में शनिवार शाम तक कोटद्वार के मैदानी इलाके के साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में बारिश का सिलसिला जारी है। रुक-रुककर हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दुगड्डा, लैंसडौन और बैजरों क्षेत्र में बारिश से पहाड़ियां दरक गई हैं। कई जगह भूस्खलन होने, पहाड़ियों से मलबा और पुश्ते ढहने से 14 सड़कें बाधित हो गई हैं। सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी मशीनें भेजी हैं, लेकिन देर शाम तक ये सड़कें यातायात के लिए नहीं खुल सकी थी।