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रुड़की(संदीप तोमर)। अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बौ-अस्सी नब्बे पूरे सौ। इस कहावत को आप बचपन से सुनते आए होंगे। लेकिन रुड़की की राजनीति में आजकल यह कहावत दो नेताओं जो कि सगे भाई हैं,के बारे में चर्चा का विषय बन रही है। किन्तु कहावत को विशेषतः छोटे वाले भी माननीय नेता जी के लिए इस रूप में लोग कोरोना कर्फ्यू से छूट के दौरान या कर्फ्यू में भी फोन पर वार्ता करते हुए यूं कहते हैं कि अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो पहले सुरेश जैन फिर यशपाल राणा अब प्रदीप बत्रा हम करेंगे पूरे सौ।
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दरअसल यह कहावत यूं चर्चा में आने की वजह भी है। 2012 में छोटे वाले भाई लगभग 6 माह तत्कालीन विधायक सुरेश जैन की गाड़ी में बैठकर घूमे और जैसे ही प्रदीप बत्रा को कांग्रेस से टिकट हुआ तो उनके आवास पर बड़े भाई संग बधाई देने पहुंच गए। तब एक अखबार ने भी इनका खुलासा इस शीर्षक से किया था कि बत्रा को बधाई की अक्कड़ बक्कड़ करते पकड़े गए….। खैर इधर यह दोनों भाई बत्रा जी से साड्डा प्राह कहकर मिले थे और उधर छोटे वाले भाई के शायद सुरेश जैन की गाड़ी में बैठने के कारण जैन साहब की राजनीतिक गाड़ी ऐसी बैठी कि इंजन ही बंद हो गया। 2013 के नगर निगम चुनाव में इन दोनों भाइयों ने भाजपा में होने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी महेंद्र काला का साथ देने की बजाय,ढके छुपे निर्दलीय यशपाल राणा की वर्करी की। इसके बाद 2017 में भाजपा प्रत्याशी प्रदीप बत्रा के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश जैन का समर्थन ढके छुपे किया। अब इनमें छोटे वाले भाई सम्मानित नेता जी आजकल फिर से प्रदीप बत्रा विधायक के बहुत ज्यादा नजदीक आने के चक्कर में उनके साथ फोटो खींचा रहे हैं। स्थिति यह है कि विधायक प्रदीप बत्रा भी इनकी कोहनी मार परम्परा फोटो खिंचाई से अंदरूनी तौर पर दुखी बताए जाते हैं। उनके असली समर्थक भी छोटे वाली की अति उछलकूद से परेशान हैं और चिंता जता रहे हैं कि इनका साया 2022 में सुरेश जैन की तरह प्रदीप बत्रा की राजनीतिक गाड़ी का इंजन ठप्प न करा न दे। खैर इस सबके कारण यह कहावत रुड़की में आजकल चर्चा का विषय बनी है।
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