देश में अमन व शांति सद्भावना के लिए अदा की गई रमजान माह के तीसरे जुमे की नमाज


नितिन कुमार /रुडकी
रुड़की।नगर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में रमजान उल मुबारक के तीसरे जुमा की नमाज बड़ी अकीदत के साथ अदा की गई।जुमे की नमाज के बाद देश में अमनो-अमान,सुख समृद्धि,प्रदेश की तरक्की और खुशहाली तथा कौम की उन्नति की विशेष दुआ की गई।नगर की प्रमुख जामा मस्जिद के अलावा सिविल लाइन मस्जिद,आईआईटी स्थित मस्जिद,सफ़र मैना मस्जिद,मस्जिद बिलाल मरकज वाली मस्जिद,मोती मस्जिद,कानूनगोयान वाली मस्जिद,मस्जिद लोहारान,साबिर मस्जिद,मोती मस्जिद,शेख बेंचा मस्जिद,आयशा मस्जिद,नूर मस्जिद,मस्जिद हुसैनिया,उमर बिनखत्ताब मस्जिद,मस्जिद-ए- हव्वा,मस्जिद अबूबकर,मक्का मस्जिद,नमरा मस्जिद,कब्रस्तान वाली मस्जिद,मदरसा मखदूम बख्श वाली मस्जिद,झोजो वाली मस्जिद,सिद्दीकी मस्जिद,मस्जिद रशीदिया,मदीना मस्जिद,बंधा रोड वाली मस्जिद,रहीमिया मस्जिद,गफूरिया मस्जिद के अलावा आजाद नगर शेखपुरी,कचहरी,गुलाब नगर, मदरसा मिस्बाह उल उलूम, मदरसा इरफान-उल-उलूम स्थित मस्जिदों में बड़ी संख्या में रोजेदारों ने जुमे की नमाज अदा की।जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले अपने बयान में मौलाना मजहरूल हक ने कहा कि रमजान का दूसरा अशरा पूरा होने वाला है।उन्होंने कहा कि अब तीसरा अशरा शुरू होगा जो जहन्नुम से छुटकारा पाने का है। रमजान के आखरी व तीसरे अशरे की अहमियत बताते हुए मौलाना हक ने कहा कि इस अशरे में अयतकाफ का बडा ही महत्व है।इसमें रोजेदार प्रत्येक मस्जिदों में आखिरी दस दिनों में अयतकाफ की नियत से बैठकर इबादत करते हैं तथा अपने गुनाहों से मगफिरत की दुआ मांगते हैं।मस्जिद में जुमे की नमाज कारी कलीमुद्दीन साहब ने अदा कराई।कारी शमीम अहमद ने रमजान की फजीलत बयान करते हुए कहा कि रमजान माह में मोमिनो को दिल खोलकर गरीब व बेसहारा लोगों की मदद करना चाहिए।खुदा का भी यही पैगाम है,इसलिए प्रयास हो कि प्रत्येक मुसलमान ज्यादा से ज्यादा इबादत करें और अल्लाह के बंदों की खिदमत करें।इसके अलावा मदरसा इरफान उल उलूम के मौलाना नसीम अहमद कासमी,कारी नफीस अहमद,कारी जाकिर हुसैन,कारी मजहर हुसैन,मौलाना मोहम्मद यूसुफ,कारी सरफराज,हाफिज अशरफ हुसैन,कारी जावेद आलम,कारी मुसर्रत अली आदि ने भी रमजान की महत्ता पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर विधायक हाजी फुरकान अहमद, मुनव्वर हुसैन,हाजी नौशाद अली,जावेद अख्तर एड.,राव एजाज खां,अफजल मंगलौरी,शेख अहमद जमां,डा.इरशाद मसूद,हाजी सलीम खान,हाजी लुकमान उर्फ चुन्नू ,डा.नैयर आजम काजमी,हाजी महबूब कुरैशी,डा.मोहम्मद मतीन,आरिफ नियाजी,सै.नफीसुल हसन,अलीम सिद्दीकी,कुंवर जावेद इकबाल,शहर काजी अमीर अहमद,हाजी शहजाद अंसारी, डॉक्टर असलम कासमी,जाकिर त्यागी,शाहबाज कुरैशी,शाहबाज कुरैशी,मोहम्मद जुल्फान,मोहम्मद दानिश जमाल,डा.मोईन,जान मुहम्मद,रियाज कुरैशी,नसीम मलिक,सलमान फरीदी,कलीम खान,डा.फुरकान अहमद,सालिम पार्षद,शाकिर अली,मोहम्मद असलम कुरैशी,सनाउल्लाह गाजी,मोहम्मद आरिश,मोहम्मद समीर,यासीन माहीगिर,मु.सलीम चौधरी,मोहम्मद जहांगीर, मोहम्मद इरशाद मलिक, डा.मोहम्मद मुस्लिम तथा इमरान देशभक्त आदि मौजूद रहे।

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