गणेशपुर गुर्जर मामले को लेकर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा से नाराज हुए ब्राह्मण समाज के लोग भी,जानिये क्यों? युवा समिति गणेशपुर गुर्जर ने जलाया पुतला

रुड़की(संदीप तोमर)। नगर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा मालवीय चौक के समीप बनवाये गए श्री गणेश द्वार का नाम श्री गणेश द्वार गणेशपुर गुर्जर न किये जाने एवं 8 वर्ष से बदहाली का शिकार हो गड्ढों में तब्दील हो चुके मालवीय चौक से रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग का निर्माण न कराए जाने को लेकर नाराज गणेशपुर क्षेत्र के लोगों ने आज युवा समिति गणेशपुर गुर्जर के बैनर तले श्री गणेश द्वार पर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उनका पुतला जलाकर अपना आक्रोश जाहिर किया। क्षेत्र के लोगों ने विधायक के खिलाफ कुछ देर धरना भी दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए युवा समिति गणेशपुर गुर्जर के संयोजक एवं पूर्व पार्षद श्रीमती बबली चौधरी के पति संजय तोमर गुड्डू ने कहा कि क्षेत्र के दोनों भाजपाई गुर्जर पार्षदपतियों संजीव तोमर एवं कुलदीप तोमर,जो कि भाजपा संगठन से भी जुड़े हैं ने इस द्वार के उद्घाटन से पूर्व इस द्वार का नाम क्षेत्र के लोगों की भावना अनुरूप श्री गणेश द्वार गणेशपुर गुर्जर करने की मांग विधायक को ज्ञापन देकर की थी। किन्तु उद्घटान के समय से अब तक विधायक इस मामले पर चुप हैं। संजय ने कहा कि यही नही विधायक इस बात का भी जवाब नही दे रहे हैं कि 2012 में विधायक बनने और फिर 2017 में विधायक बनने से आज तक के 8 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने गड्ढो में तब्दील हो चुके इस मार्ग का निर्माण क्यों नही कराया। जबकि तांशीपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेश त्यागी,नरेश की पुत्री समेत पांच लोगों की मौत इस गणेश द्वार से स्टेशन मार्ग पर बने गड्ढो के कारण हुई दुर्घटनाओं में जा चुकी है। जबकि अनेक लोग इन गड्ढो के कारण दुर्घटनाओं में घायल हो चुके हैं। बरसात में इस मार्ग के लोग जलभराव के कारण कितनी परेशानी उठाते हैं,यह उन्हें ही पता है।


सह संयोजक सुमित तोमर ने कहा कि अपनी ही पार्टी के लोगों की जनभावनाओं से जुड़ी बात विधायक जी नही सुन रहे हैं। अव्वल तो क्षेत्र के किसी व्यक्ति ने उन्हें यह द्वार बनवाने को नही कहा था,लेकिन उन्होंने जबरन यह द्वार बनवाकर मालवीय चौक का महत्व खत्म कर दिया है। विधायक को यह भी बताना चाहिए कि सड़क जरूरी है या द्वार। फिर द्वार बनवा ही दिया है तो इसका नाम क्षेत्र के लोगों की भावना अनुरूप गणेशपुर गुर्जर करने में दिक्कत क्या है?जब रामनगर में क्षेत्र के नाम पर राम द्वार हो सकता है तो यहां के मूल लोगों की भावना का सम्मान विधायक क्यों नही कर रहे। विकास चौधरी ने कहा कि अब क्षेत्र के लोगों के सामने एक दिक्कत यह भी आएगी कि बाहर से आने वाले मेहमान गणेश मूर्ति पर खड़े होकर कहेंगे,कि मैं गणेश मूर्ति पर खड़ा हूं तो यह पता करना पड़ा करेगा कि कौन सी मूर्ति पर,क्योंकि पहले से यहां गणेश चौक मौजूद है। समिति से जुड़े लोगों ने विधायक के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर उनका पुतला जलाया और नामकरण व सड़क निर्माण की मांग पूरी न होने पर विधायक के खिलाफ आगे भी आंदोलन करने की चेतावनी दी। इस दौरान रवि तोमर,अर्जुन सिंह मुखिया,सतेंद्र चौधरी, रवि चौधरी,सुधीर चौधरी,विपिन कुमार,रविन्द्र तोमर,अरुण तोमर,अजय तोमर,देवेंद्र तोमर,अर्जुन तोमर,मोंटी गुर्जर,नीतीश तोमर,पुनीत तोमर व सुरेंद्र गुर्जर आदि मौजूद थे।

नाराज हुए ब्राह्मण समाज के लोग भी,धार्मिक व्यवस्था भंग करने का भी आरोप

आज प्रदर्शन के दौरान जहां कुछ ब्राह्मण समाज के लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए और पहले से गणेश चौक स्थापित होने के बाद भी मालवीय चौक से महज दस कदम की दूरी पर गणेश द्वार का निर्माण कराने को लेकर विधायक प्रदीप बत्रा से नाराज नजर आये,वहीं इनमें से कई लोगों मोहन शर्मा,अभिषेक शर्मा,अमित शर्मा आदि ने इस मूर्ति स्थापना के मामले को लेकर धार्मिक व्यवस्था भंग करने का आरोप विधायक प्रदीप बत्रा पर लगाया। इन लोगों का कहना था कि हिन्दू धर्म में कोई भी मूर्ति हवन यज्ञ आदि अनेक धार्मिक परम्पराओं का निर्वहन कर प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित की जाती है,लेकिन यहां यह व्यवस्था पूरी तरह भंग कर दी गयी। यही नही पूर्व से स्थापित गणेश चौक पर समिति द्वारा बकायदा नियुक्त एक व्यक्ति प्रतिदिन सुबह शाम साफ सफाई कराकर बकायदा वहां गणेश पूजन और आरती करते हैं। ऐसे में सवाल यह है कि जो प्रतिमा विधायक ने रखवाई है वहां पूजन कौन करेगा। एक ही स्थान की बाबत दो गणेश प्रतिमा होने का विधान भी धर्म सम्मत नही है। मूर्ति फाइबर की हो तो प्राण प्रतिष्ठा आवश्यक नही,किन्तु अचल मूर्ति का प्रतिदिन पूजन जरूरी होता है। मूर्ति पर कुछ ही समय में धूल चढ़ जाएगी,पक्षी बीट करेंगे,इसका रख रखाव कौन करेगा। यदि मूर्ति कांच के फ्रेम से ढक भी दी गयी,तो पूजन कौन करेगा?

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