हर्ष विद्या मंदिर (पी.जी)कॉलेज रायसी मे चित्रकला विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के संदर्भ में किया गया दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

रिपोर्ट रुड़की हब
खानपुर
।।हर्ष विद्या मंदिर (पी.जी. )कॉलेज रायसी, हरिद्वार में चित्रकला विभाग के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में बदलते परिवेश में ललित कलाओं की भूमिका विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन दिनांक 6 और 7 मई 2022 को किया जा रहा है जो ICSSR नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित हैं। सेमिनार का

शुभारंभ महाविद्यालय के प्रबंधक महोदय डॉ. के पी सिंह ,उपाध्यक्ष महोदया डॉ प्रभावती ,सचिव डॉ हर्ष कुमार दौलत, प्राचार्य राजेश चंद्र पालीवाल, मुख्य अतिथि डॉ. आर. एस. पुंडीर लखनऊ, सुश्री विजय रानी भारद्वाज ,डॉ हरिओम शंकर DAVकॉलेज देहरादून ,डॉ अर्चना चौहान एसएसडी कॉलेज रुड़की के द्वारा संयुक्त रुप से मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया ।सभी अतिथियों का स्वागत कॉलेज के प्राचार्य महोदय डॉ राजेश चंद्र पालीवाल द्वारा बुके वह मोमेंटो देकर किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बीज वक्ता डॉ नीलिमा गुप्ता ने ललित कला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया की मानव के अस्तित्व से लेकर वर्तमान तक अगर हम देखें तो ललित कलाओं का विशेष महत्व है ललित कलाएं मानव के जीवन को अनुशासित बनाती हैं, मानव को सामाजिक प्राणी के रूप में रहना सिखाती हैं, आपसी संबंधों में बांधे रखती हैं। मुख्य वक्ता डॉ आर एस पुंडीर ने मुगल काल से लेकर आधुनिक समय तक ललित कला का महत्व किस प्रकार से दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है ,किस प्रकार ललित कलाओं का देश की आजादी एवं संस्कृति विरासत को सवारने में योगदानहैं पर प्रकाश डाला। सुश्री विजयलक्ष्मी भारद्वाज ने बदलते परिवेश में ललित कला का महत्व किस प्रकार बढ़ रहा है पर प्रकाश डालते हुए बताया की अभिव्यक्ति की आजादी वास्तव में ललित कला की ही देन है ,ललित कलाओं ने मूर्तिकला के माध्यम से व अन्य माध्यम से हमारी संस्कृति को, हमारे धर्म को जीवित रखा है ,आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो हमें मंथन करना है कि हमने समाज को क्या दिया ?यह तो हम सब चाहते हैं कि हमें देश या समाज से क्या मिला? लेकिन हम इस पर कभी विचार नहीं करते कि हमने देश या समाज को क्या दिया हम सभी को अपने देश व समाज के लिए ऐसे कार्य करने हैं जो देश की सांस्कृतिक विरासत को सोते हुए देश को विकास की ओर अग्रसर करें। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप जिलाधिकारी लक्सर श्री गोपाल राम बेनीवाल ने कहा की आजादी का अमृत महोत्सव भारत सरकार का एक महत्वकांक्षी कार्यक्रम है जिसे देश के सभी विभागों द्वारा अपने अपने तरीके से मनाकर आजादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले देश के वीर सपूतों को नमन करके मंथन किया जा रहा है कि हमने 70 वर्षों में क्या खोया क्या पाया और जो जो कमियां हैं उन्हें किस प्रकार से सभी के संयुक्त प्रयास से प्राप्त किया जा सकता है। तहसीलदार महोदय सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा आप सभी समाधान करते हुए देश के विकास में अपने योगदान को सुनिश्चित करें। राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कालेज के सचिव महोदय डॉ हर्ष कुमार दौलत ने कहा की आजादी का अमृत महोत्सव हम मना रहे हैं उसे मनाने का उद्देश्य तभी साकार होगा जब हम उन शहीदों को नमन करें उनका आचरण करें जिन्होंने इस देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर किए ।पिछले 75 वर्षों में हमने क्या-क्या उपलब्धियां प्राप्त की और अभी हमें किन-किन बिंदुओं पर कार्य करने की आवश्यकता है । हमारा देश विकास की राह पर आगे बढ़े और हम विकसित राज्य की श्रेणी में आएं ,आज आवश्यकता है कि हम सभी को नई शिक्षा नीति 2020 जो बहुत जल्द हमारे प्रदेश में भी लागू होने वाली है के अनुरूप कार्य करते हुए अपने शैक्षिक स्तर को और उन्नत बनाएं क्योंकि शिक्षा समाज का दर्पण है जो समाज की प्रगति व संस्कृति का सरक्षण करता है और उसमें परिवर्तन परिवर्तन करता है। प्राचार्य महोदय डॉ. राजेश चन्द्र पालीवाल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ प्रीति गुप्ता को सुंदर एवं भव्य आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से जो निष्कर्ष निकलकर के आता है वह कहीं ना कहीं शिक्षा को एक दिशा प्रदान करता है ,जो भविष्य के लिए बहुत लाभदायक है।
सेमिनार के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए डॉ हरिओम शंकर एसोसिएट प्रोफेसर डीएवी कॉलेज देहरादून ने बदलते परिवेश में ललित कलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए ललित कलाओं से संबंधित पहलुओं को समझाया ।डॉ .अर्चना चौहान एसोसिएट प्रोफेसर एसडी कॉलेज रुड़कीने बताया कि ललित कलाएं हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। पृथ्वी पर निवासरत जो जनमानस है जिनके माध्यम से हम अपने विचारों का आदान प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय सेमिनार के प्रथम दिवस पर डॉ केपी तोमर श्री कुलदीप सिंह डॉ प्रमोद कुमार निलेश ,सोपान, सीमा गहलोत, रीना वाजपेई ,हुकम सिंह ,जोतना किरण प्रदीप मनोज छोकर डॉ पूनम चौधरी डॉक्टर अजीतराव रणवीर सिंह ,डॉ मंजू रानी ,डॉ शिल्पी पाल डॉ. प्रिया प्रधान डॉ सुरजीत कौर,अपने विचार व्यक्त किए राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर वर्षा रानी ने किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी में डॉ. नीटू राम, डॉ प्रशांत कुमार , ललित कुमार ,स्मृति कुक्षाल, डॉ.सारिका माहेश्वरी अक्षय गौतम ,प्रियंका ,डॉ नेहा रानी ,राहुल कुमार ,डॉ हेमंत कुमार, डॉ विक्रम सिंह, डॉ रणवीर कुमार ,डॉ अंजू ,डॉ मुरली डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. इकराम,डॉ. अलका हरित, डॉ.रश्मि नॉटियाल, डॉ. सरला भरद्वाज, डॉ. मीनू सैनी, डॉ दुर्गा रजक,डॉ विकास तायल आदि उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय सेमिनार कार्यक्रम की सयोंजक डॉ प्रीति गुप्ता ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत व आभार व्यक्त किया।

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