सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए खुले हैं शराब के ठेके जनता जिलाधिकारी से पूछ रही है क्या शराब आवश्यक से अति आवश्यक सेवाओं में शामिल है


सनत शर्मा

बहादराबाद। जहाँ पूरे भारत में कोरोना महामारी बहुत ही भयंकर रूप ले चुकी है जिसके चलते रोज पूरे भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या अविश्वसनीय रूप से बढ़ती ही जा रही है। वहीं पर कुछ विभाग जिला प्रशासन की मिलिभगत से अपने थोड़े से फायदे के लिए सरकार द्वारा लगाए गये कर्फ़्यू के आदेशों को भी ताक पर रख कर शाम 7 बजे के बाद भी दुकाने खोल रहे है। ऐसी ही एक अंग्रेजी शराब की दुकान जो बहादराबाद दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित हैं। जब उपजिलाधिकारी महोदय से बाबत बात की गई तो उन्होंने इसे बंद कराने के लिये बोला लेकिन जब थाना बहादराबाद पुलिस बहादराबाद अंग्रेजी शराब की दुकान पर बंद कराने के लिए पहुंचे तो ठेका स्वामी ने साफ-साफ दुकान बंद करने के लिए मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसे कोई आदेश नहीं है। हम दुकान किसी भी रूप में बंद नहीं करेंगे। जबकि जनपद हरिद्वार के जिलाधिकारी व उत्तराखण्ड शासन ने कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए सभी दुकानें 2:00 बजे तक बंद करने के आदेश कर रखे हैं। कुछ आवश्यक सेवाओं को 7:00 बजे तक का समय दिया गया है।

उक्त शराब की दुकान खोलने को लेकर जब जनपद के जिलाधिकारी श्री सी रविशंकर जी से वार्ता करने हेतु फोन किया तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर जनपद के आलाधिकारी कितने गंभीर है। जिलाधिकारी महोदय से पूछना चाहते हैं कि शराब आवश्यक वस्तुओं में आती है जिस कारण शराब के ठेके शासन द्वारा निर्धारित समय के बाद भी खुले हुए हैं। क्या ऐसी महामारी के समय पर शराब बिकना इतना जरूरी है? क्या शराब के ठेके 10:00 बजे तक खुले रहेंगे? जबकि उस समय कोई भी दुकान बाजार में नहीं खुली होती है।
दिलचस्प बात ये है कि जिलाधिकारी व उत्तराखण्ड शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए शराब की दुकान तो खुली ही है साथ में कैंटीन भी खुली हुई है जिसमें काफी संख्या में लोग मौजूद हैं। जहां पर कोरोना के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, वहां ना किसी ने मास्क लगाया है, ना कोई सरकारी दिशा निर्देश का पालन कर रहा है।

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