भीड़ के लिहाज से रुड़की में फ्लॉप शो साबित हुआ भाजपा का चुनाव दफ्तर उद्घाटन कार्यक्रम

रुड़की(संदीप तोमर)। एक लाख से ज्यादा मतदाताओं वाली रुड़की विधानसभा और महज दो वर्ष पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में पूरे 40 हजार वोट प्राप्त कर भाजपा से विधायक बनने वाले प्रदीप बत्रा। इन्ही प्रदीप बत्रा की मौजूदगी में आज रुड़की विधानसभा में लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का दफ्तर खुला और यहां उपस्थिति रही महज सौ से डेढ सौ लोगों की। यह भी वह लोग, (इनमें महिलाएं भी शामिल थी) जो भाजपा के पदाधिकारी या कार्यकर्ता थे। क्या इस स्थिति में भाजपा प्रत्याशी के चुनाव अभियान को आसान कहा जा सकता है?वह भी तब जब चुनाव कार्यालय उस बीटी गंज क्षेत्र में खुल रहा हो,जिसे राजनीतिक भाषा में भाजपा का गढ़ कहा जाता हो। इस लिहाज से इस पूरे आयोजन को फ्लॉप शो कहें तो गलत न होगा।
यूं भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा के कई समर्थक आज तक इस बात को मानने के लिए तैयार नही है कि प्रदीप बत्रा को जो 40 हजार वोट मिले थे, वह मोदी लहर के कारण मिले थे। हालांकि खुद विधायक प्रदीप बत्रा ने कभी अपने मुंह से ऐसा कुछ नही कहा, लेकिन उनके कई समर्थक दावा करते है कि इस वोट बैंक में बडा शेयर प्रदीप बत्रा के व्यक्तिगत प्रभाव का था। इन लोगों की इस बात को भी सही मान लिया जाये तो भी सवाल यह है कि दो साल में प्रदीप बत्रा का प्रभाव महज सौ-डेढ सौ लोग जुटाने तक का रह गया है क्या? दरअसल सच तो यह है कि प्रदीप बत्रा कभी भीड़ जुटाने वाले नेता नही बन पाये है। यह पूर्व के कई कार्यक्रमों से साबित भी हो चुका है। लेकिन जितना यह सच है उतना ही यह भी सच है कि इस कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी केवल प्रदीप बत्रा की भी नही थी। कल के ही शोसल मीड़िया के संदेशों, जिनमें इस कार्यक्रम का आमंत्रण दिया गया था, को लेकर नेताओं की संख्या गिनी जाये तो वह दौ सौं से ज्यादा बैठती है,लेकिन इसके बावजूद कार्यक्रम में महज भाजपा से जुड़े सौ से डेढ सौ लोगों का ही पहुंचना और सामान्य जनों की भागीदारी न बराबर होना,भाजपा प्रत्याशी के लिए चिन्ता का विषय हो सकता है।

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