कांग्रेस में बड़ी आपसी खींचतान,नगर अध्यक्ष और पूर्व पालिका चैयरमैन तक को नही प्रदेश प्रभारी के कार्यक्रम की सूचना,सचिन ने राजेन्द्र चौधरी को बताया भाजपा का एजेंट

रुड़की(संदीप तोमर)। स्थानीय के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार का चुनाव अभियान स्थानीय स्तर पर कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान का शिकार होता दिख रहा है। यह खींचतान भविष्य में जूतम पैजार का रुप ले ले, तो शायद कोई बड़ी बात ना हो। क्योंकि स्थिति यह है कि कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं को लग रहा है कि अमरीशकुमार का पूरा चुनाव अभियान कुछ लोगों के हाथों में सिमटता जा रहा है,जबकि धरातल पर इन लोगों का कोई आधार नही है और इनमें से कई का पिछला राजनीतिक इतिहास पार्टी को धोखा देने का रहा है। इस सबके चलते अमरीश कुमार का सांसद बनने का सपना, सपना ही रह सकता है।
कांग्रेस में यूं तो अमरीश कुमार को टिकट घोषित होने के साथ ही खींचतान का सिलसिला शुरु हो गया था। इसका सबसे बड़ा कारण कही ना कही पार्टी द्वारा टिकट घोषणा में देरी और इस अवधि में अलग अलग नामों का उभरना भी बना। मसलन शुरू में तय माना जा रहा था कि हरीश रावत को टिकट होगा, लेकिन इसी बीच संजय पालीवाल का नाम चल पड़ा तो एक दिन तक ऐसा माहौल रहा जैसे श्रीमति अनुस्वरुप ही प्रत्याशी घोषित हो गई हो। ऐसे में जिसका भी नाम चलता उसके समर्थक पहले गर्म होते और जैसे ही दूसरा नाम आता यह समर्थक ठंडे हो जाते। अमरीश कुमार का टिकट घोषित होने तक यह ठंडाई बहुत ज्यादा फैल गई थी। पार्टी प्रत्याशी को अभी इस ठंडाई से पार पाने में भी सफलता नही मिली है लेकिन इससे एक कदम आगे पार्टी के स्थानीय नेताओं की आपसी खींचतान की चुनौती प्रत्याशी अमरीश कुमार के सामने खड़ी हो गई है। अभी तक यह खींचतान अंदरुनी तौर पर ही चल रही थी लेकिन आज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनुगृह नारायण सिंह के प्रेसवार्ता समेत विभिन्न कार्यक्रमों की सूचना को लेकर जग जाहिर भी हो गई। हालांकि अनुगृह नारायण सिंह की प्रेसवार्ता की सूचना सभी पत्रकारों को भी नही मिल पाई़। शायद चुनिंदा पत्रकारों से पार्टी और पार्टी प्रत्याशी का काम चल सकता हो लेकिन पार्टी के छोटे बड़े सभी नेताओं के बिना किस तरह पार्टी का काम चल जायेगा? इसका जवाब खुद पार्टी और प्रत्याशी को तलाशना होगा। खैर आज जिन नेताओं को अनुगृह नारायण सिंह के प्रेसवार्ता व अन्य कार्यक्रमों की जानकारी नही मिल पाई उनमें पार्टी के पुराने कार्यकर्ता श्रवण गोस्वामी, युवाओं में मजबूत पकड़ रखने वाले एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन चैधरी व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बिट्टू शर्मा ही नही बल्कि पूर्व नपा चेयरमैन दिनेश कौशिक और पार्टी के नगराध्यक्ष कलीम खान तक शामिल है। दिनेश कौशिक व कलीम खान ने फोन पर हुई बातचीत में स्वीकार किया कि उन्हें अनुगृह नारायण सिंह के किसी कार्यक्रम की सूचना नही मिल पाई। खींचम-तान की इस स्थिति से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार का चुनाव अभियान किस दिशा में बढ रहा है। उपरोक्त में से कई नेताओं ने नाम ना खोलने की शर्त पर कहा कि अमरीश कुमार का चुनाव अभियान कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में सिमटता जा रहा है। इसे लेकर पार्टी में मायूसी का माहौल है। एक नेता ने तो इन लोगों के राजनीतिक वजूद पर ही सवाल खड़ा किया। साथ ही कहा कि इनमें से कई का पिछला राजनीतिक इतिहास पार्टी को धोखा देने का रहा है।

राजेन्द्र चौधरी भाजपा के एजेंट-सचिन चौधरी

रुड़की। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी अमरीश कुमार के चुनाव अभियान में जुटे जाट बिरादरी के कांग्रेस नेता राजेन्द्र चौधरी के खिलाफ सीधा हमला बोल दिया है। दरअसल राजेन्द्र चौधरी का नाम भले ही सचिन चौधरी ने हमला बोलते हुए उजागर किया हो, लेकिन अधिकांश नेताओं की शिकायत राजेन्द्र चौधरी को लेकर ही है। मसलन कोई नाम ले या ना ले,लेकिन सभी राजेन्द्र चौधरी के राजनीतिक वजूद पर सवाल खड़ा करते हुए यही इशारा कर रहे हैं कि पार्टी प्रत्याशी सिर्फ राजेन्द्र चौधरी व उनके साथ के कुछ नेताओं से घिरकर रह गये है। इसी कड़ी में सचिन चौधरी ने तो राजेन्द्र चौधरी को भाजपा का एजेंट तक बता डाला और यह भी कहा कि 2012 के विधानसभा चुनाव में राजेन्द्र चौधरी को एक अन्य नेता के साथ कांग्रेस विरोधी कार्य करने के लिए पार्टी से निष्कासित भी किया गया था।

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