मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की में वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन संकाय द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के वाणिज्य और व्यवसाय अध्ययन संकाय द्वारा ‘‘रचनात्मकता, नवाचार और अनुसंधान जगत में प्रगतिः एक बेहतर भविष्य के लिए मार्ग‘‘ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ 3 जनवरी 2025 को हुआ।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि यूनाइटेड यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद के माननीय कुलपति प्रो. डॉ. ए.एम. अग्रवाल ने अनुसंधान की चुनौतियों, अवसरों और नैतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अनुसंधान भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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सम्मेलन के मुख्य संरक्षक और मदरहुड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. डॉ. नरेंद्र शर्मा जी ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि, अनुसंधान और नवाचार भारत को प्रगतिशील बनाने के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय की अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और पिछले चार वर्षों से लगातार सफलतापूर्वक सम्मेलन आयोजित करने के लिए आयोजन टीम को बधाई दी।
संकायाध्यक्ष डॉ. पी.के. अग्रवाल ने अनुसंधान के समाज में महत्व पर जोर दिया। उनके साथ प्रोफेसर हर्ष वी. पंत, उपाध्यक्ष, अध्ययन और विदेशी नीति, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, दिल्ली, ने नवाचार और अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर डॉ. अनुराग अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, स्वामी सुखदेवानंद पीजी कॉलेज, शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश, ने अनुसंधान की प्रगति और भविष्य में इसकी बढ़ती संभावनाओं पर बात की। डॉ. शाद अहमद खान, सहायक प्रोफेसर, यूनिवर्सिटी ऑफ बुरैमी, ओमान, ने छात्रों और युवा पीढ़ी के बीच अनुसंधान के महत्व और वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. पी.के. अग्रवाल ने यह भी बताया कि इस सम्मेलन के लिए 117 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्र प्राप्त हुए हैं, जो इस सम्मेलन की बड़ी सफलता को दर्शाते हैं।
सम्मेलन में पांच तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सभी शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। यह सम्मेलन 4 जनवरी 2025 को समापन सत्र के साथ समाप्त होगा।
सम्मेलन के उद्घाटन में विभिन्न शिक्षाविद, शोधकर्ता और छात्र उपस्थित रहे, जिन्होंने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया।