फोनिक्स में कृषि सेमिनार का आयोजन, कृषि पद्धति को करना होगा अपग्रेड- इजि० चैरब जैन

रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।।
फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस रुड़की, जिला हरिद्वार मे संस्थान के कृषि संकाय के छात्रों के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। संस्थान के प्रबन्ध निदेशक इजि० चैरब जैन ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में पुरातन पद्धति एवं नवीन पद्धति के मिश्रण से कृषि क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण किय जा सकता है।


आवश्यकता है कि हम पारम्परिक खेती में नवीन कृषि शोधों का प्रयोग करे जिससे प्रचुर मात्रा में उत्पादन के साथ कृषकों को लाभ भी प्रात हो। अतिथि वक्ता श्री विनोद कुमार झा पूर्व निदेशक भारतीय औद्योगिक हेम्प एसोसिएशन, वर्तमान में भारतीय कृषि प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान (आईएटीआर) देहरादून के निदेशक द्वारा प्राकृतिक खेती और औद्योगिक हेम्प के बारे में जानकारी दी, उन्होने बताया कि भारत मे प्राकृतिक खेती को परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति कार्यक्रम के तहत खेती को बढावा दिया जाता है। उन्होने

छात्रों को भारतीय प्राकृतिक पद्धति कार्यक्रम का उद्देश्य, पांरपरिक स्वदेशी प्रथाओं को बढावा देना है जो बाहरी रूप से खरीदे जाने वाले इनपुट को कम करती है आदि के बारे में जानकारी प्रदान की। उनके द्वारा छात्रों को पुरानी पद्धति से खेती करने के तरीके बताये गये। इस सेमीनार में 75 छात्र/छात्राओं व 10 अध्यापकों ने प्रतिभाग किया। यह सेमीनार छात्रों के लिए बहूत लाभदायक रहा तथा छात्रों ने प्रश्न-उत्तर के माध्यम से अपने संदेह को भी दूर किया। सेमीनार के अंत मे डा० आशुतोष शुक्ला एवं सारिका सुमन कृषि संकाय ने फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस

रुड़की की तरफ से अतिथि वक्ता का आभार व्यक्त किया और सेमीनार का समापन किया। इस अवसर पर संस्थान की महासचिव श्रीमति मेघा जैन, डायरेक्ट्रर जनरल श्री संजय जैन, निदेशक डा० भुवनेन्द्र चौधरी, मुख्य सलाहकार डा० के०के० गौतम, रजिस्ट्रार श्री अमित गौतम, डीन डा० संग्राम बाना, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री चिराग शर्मा एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

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