कुमाऊं एफएसएल में यूनिट लग जाने से मंडल भर में आए वाइस रिकॉर्ड मामलों की जांच रिपोर्ट जल्द ही न्यायालय के समक्ष पेश होगी। जिससे पीड़ित को त्वरित न्याय मिल सकेगा।कुमाऊं फोरेंसिक लैब में जल्द ही अब वाइस रिकॉर्डर मामलों की जांच भी शुरू होगी। वाइस रिकॉर्डिंग से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की जांच के लिए जल्द ही लैब में एक यूनिट लगाई जाएगी। इसके अलावा जांच करने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती भी होगी।कोतवाली थानों में आए दिन धमकी देने और ब्लैकमेलिंग से संबंधित मामले आते हैं। इसके अलावा वीडियो साक्ष्य से संबंधित भी कई मामले आते हैं। मामलों की पुख्ता जांच के लिए न्यायालय के आदेश पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भेजा जाता है। जहां जांच के बाद धमकी, ब्लैकमेलिंग और वीडियों में कैद हुए अपराधों की पुष्टि होती है।
कुमाऊं एफएसएल में यह सुविधा न होने से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अन्य प्रदेशों की लैब में भेजा जाता है। जिससे रिपोर्ट आने में लंबा समय लगता है और तब तक मामला लटका रहता है। पिछले दिनों कुमाऊं एफएसएल के दौरे में एडीजी अमित सिंहा ने लैब में वाइस रिकॉर्डिंग यूनिट लगाने की बात की है।
इसके लिए उन्होंने लैब के सयुंक्त निदेशक को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उपकरणों की जांच के लिए विशेषज्ञों की भर्ती भी होगी। कुमाऊं एफएसएल में यूनिट लग जाने से मंडल भर में आए वाइस रिकॉर्ड मामलों की जांच रिपोर्ट जल्द ही न्यायालय के समक्ष पेश होगी। जिससे पीड़ित को त्वरित न्याय मिल सकेगा।एडीजी ने लैब में वाइस रिकॉर्डर यूनिट लगवाने की बात की है। जल्द ही मुख्यालय को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। बजट मिलने के बाद यूनिट का निर्माण कार्य शुरू होगा। – डॉ. दयाल शरण शर्मा, सयुंक्त निदेशक, कुमाऊं फोरेंसिक लैब