रिपोर्ट रुड़की हब
खानपुर।।सत्र 2022-23 के लिए श्री देव सुमन विश्वविद्यालय द्वारा कार्यालय ज्ञाप के तहत जारी आदेशानुसार नयी शिक्षा नीति के तहत बी.ए. बी.एस.सी.(सी.बी.जेड) ,बी.एस.सी.(पी.सी.एम्.) बी.एस.सी. गृह विज्ञानं प्रथम वर्ष में पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 जुलाई 2022, प्रवेश शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त
2022 एवं शेक्षिक सत्र प्रारंभ होने की तिथि 17 अगस्त 2022 है | सभी पाठ्यक्रम में सेमेस्टर व्यवस्था लागू कर दी गयी हैं | नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्वरोजगार, भारतीय ज्ञान परंपरा,च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस), क्रेडिट बैंक पर फोकस रहेगा । एम्.ए,
इतिहास, राजनीति शास्त्र ,समाज शास्त्र, हिंदी,अंग्रेजी,अर्थशास्त्र, शिक्षा शास्त्र, ड्राइंग एंड पेंटिंग बी.एस.सी. एम्.एस.सी. बनस्पति विज्ञानं, जंतु विज्ञानं, रसायन विज्ञानं, भोतिक विज्ञानं, गणित, गृह विज्ञानं बी.कॉम, एम्.कॉम प्रथम वर्ष में हो गए हैं | जिसके लिए छात्र-छात्रों ने पंजीकरण करना शुरु कर दिया हैं | छात्र- छात्राये अपने साथ मार्कशीट, जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, माइग्रेशन इत्यादि लेकर आये जिनके पास जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, माइग्रेशन प्रमाण पत्र अभी नहीं हैं वो 15 दिन के अन्दर महाविद्यालय में जमा कर सकते हैं | महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश चन्द्र पालीवाल ने कहा कि महाविद्यालय में उच्च शिक्षण तकनीको के साथ छात्र -छात्राओं को पुस्तकालय में विभिन्न समाचार पत्र, पत्रिका -पत्रिकाओं के साथ विभिन्न जर्नल को भी इसी सत्र से लगाया जाएगा | डॉ. पालीवाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 एक अच्छी नीति है क्योंकि यह शिक्षा प्रणाली को समग्र, लचीला, बहु-विषयक और 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने पर लक्षित है । नीति की मंशा कई मायनों में आदर्श प्रतीत होती है | नई शिक्षा नीति लागू होने पर महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष डॉ. के.पी.सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. प्रभावती सिंह , सचिव डॉ. हर्ष कुमार दोलत ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार व्यक्त किया और कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड में उच्च शिक्षा की दशा और दिशा को बदलने का काम किया हैं | महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष डॉ. के.पी.सिंह ने कहा कि उन्होंने कहा कि ये उत्तराखंड में यह समागम ऐसे समय में हो रहा है, जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर है।