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रुड़की(संदीप तोमर)। नगर निगम चुनाव को लेकर हालांकि अभी भी सरकार के रुख को देखते हुए पेंच फंसने के आसार दिखते हैं,किंतु इसके बावजूद विभिन्न दलों से मेयर या पार्षद पदों के प्रत्याशी इधर जनता के बीच अपनी सक्रियता बढ़ाये हुए हैं तो उधर टिकटों को लेकर भी रस्साकसी जारी है। ऐसे में प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा में मेयर टिकट को लेकर पार्टी अनुभव,जनता के बीच सक्रियता के साथ ही सबसे ज्यादा जिस आधार पर मेयर टिकट को लेकर राजनीतिक गोटियां बिछाई जा रही हैं उनमें सबसे बड़ा है जातीय आधार। ऐसे में जबकि भाजपा पूरे जनपद में हर बिरादरी का बैलेंस बनाकर चलने की रणनीति पर काम करती हो तो इस बार रुड़की में उसके सामने ब्राह्मण समाज की दावेदारी भी मजबूत रूप से उभरी है। पार्टी टिकट की मांग कर रहे पुराने व अनुभवी भाजपा नेता डा.सतीश कौशिक के समर्थक जो तर्क पार्टी के सामने रख रहे हैं,वह ऐसे हैं कि उन्हें आसानी से दरकिनार नही किया जा सकता।
टिकट के मामले में भाजपा जातिगत रूप से जनपद में कुछ इस तरह से बैलेंस बनाती है कि जैसे हरिद्वार में ब्राह्मण मदन कौशिक विधायक हैं तो वहां मेयर के लिए ब्राह्मण को टिकट नही दिया गया। हालांकि वहां ब्राह्मण समाज से टिकट की बड़ी दावेदारी थी और अब वहां हुई भाजपा की हार की एक वजह ब्राह्मण को टिकट न दिया जाना भी माना जाता है। खैर पार्टी की नीतियां साफ करती है कि चूंकि हरिद्वार मेयर में पंजाबी को टिकट दे दिया गया था,अब रुड़की में पंजाबी को टिकट देने के आसार कम है और इस दृष्टि से और ज्यादा कम कि यहां पंजाबी विधायक है।
ऐसे में जब ब्राह्मण समाज की दावेदारी की बात आती है तो विरोध करने वाले मदन कौशिक के मंत्री होने के साथ ही रानीपुर में राजीव शर्मा को टिकट मिल जाने की बात करते हैं। ऐसे विरोधियों का अब डा.सतीश कौशिक के समर्थकों ने अपने तर्को से अच्छा जवाब ढूंढा है। यह लोग पार्टी के सामने तर्क दे रहे हैं कि जब मदन कौशिक के विधायक और मंत्री रहते जिताऊ फार्मूले पर राजीव शर्मा को टिकट दिया जा सकता है तो रुड़की में सतीश कौशिक को क्यों नही।
डा.सतीश कौशिक समर्थकों के इस तर्क का कोई जवाब पार्टी के पास नही दिखता कि लक्सर में वैश्य विधायक होते,चैयरमैन के लिए वैश्य को टिकट कैसे दिया जा सकता है?ऐसे में मदन कौशिक तो विधायक भी हरिद्वार से हैं तो रुड़की से ब्राह्मण को टिकट देने में परहेज क्यों?वैसे कुछ ऐसा ही तर्क पंजाबी बिरादरी के भाजपा टिकट दावेदार संजय अरोड़ा के समर्थक भी पार्टी के सामने रख रहे हैं। खैर जहां डा.सतीश कौशिक मजबूती से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं,वहीं ब्राह्मण समाज की अनदेखी इस बार पार्टी के लिए यहां आसान भी नही होगी,क्योंकि संख्या के लिहाज से भी ब्राह्मण बिरादरी का आंकड़ा अब काफी मजबूत हो गया है।
भाजपा:आसानी से दरकिनार करने लायक नही ब्राह्मण समाज से मेयर टिकट पर सतीश कौशिक समर्थकों के तर्क
