मधुकांति बीफार्मर्स वैल्फेयर सोसाइटी के पदाधिकारी एवं मौन पालक सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सोपा ज्ञापन

रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।।मंगलवार को मधुकांति बीफार्मर्स वैल्फेयर सोसाइटी के पदाधिकारी एवं मौन पालक सदस्यों ने शहद सारीदर शनि करवाने तथा माननीय प्रधानमंत्री की चिय योजना स्वीकार सोसाइटी जिला मुख्यालय में जिला कलेक्टर महोदय को प्रधान मंत्री जी के नाम व प्रदेश के मुख्य मंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपा।

मधुक्रांति की फार्मर्स वेल्फेयर सोसायटी के जिला अध्यक्षा मौजूदा मानकों के तहत परीक्षणों में पता लगा पाना अब असंभव हो गया है और जो समय के अनुसार नए परीक्षण लागू किए जाने चाहिए थे ने बताया की शहद में बेतहाशा सिरप (राइस सीरप, कोंने सिरप) की मिलावट की जा रही है जिसे FSSAI के जैसे कि NMR, TMR, SMR, HRMS को अधिसूचित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया की नेशनल थी बोर्ड के समक्ष भी इस मुद्दे को कई बार रखा गया परन्तु वे भी नए परीक्षण लागू करवाने में असमर्थ रहे।

पहल्ले से शहद में सिरप की मिलावट करके विदेशी में भी शहद का निर्यात किया जा रहा है और मिलावट के कारण हमारे अमृत रूपी शहद के विदेशी में अच्छे भाव नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि मिलावट की बजह से भारत के शहद को TRUE SOURCE एजेंसी ‌द्वारा हाई रिस्क कैटेगरी में भी रखा गया है। शहद में सिरप की मिलावट के कारण मधुमक्खी पालकों के शुद्ध शहद का कोई खरीददार नहीं है पिछले तीन महीने से सभी ने खरीद बंद कर रखी है और सिरप की मिलावट के कारण ही

पंकज कुमार
पिछले कई सालों से शहद उत्पादक किसानों को उत्पादन लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण लगभग सभी मधुमक्खी पालक कर्जवान हो चुके हैं तथा आत्महत्या के कगार पर पहुंच चुके हैं और कुछ मधुमक्खी पालक किसान तो आत्महत्या तक कर चुके हैं।

मधुक्रांति बीफार्मर्स वेलफेयर सोसाइटी के जिला अध्यक्ष पंकज कुमार ने जिले में मौजूद मौन पालकों के साथ मिल कर अपनी 10 मांगों को जिला कलेक्टर महोदय के समक्ष रखा और उन पर अगले 7 दिन के भीतर कार्यवाही की मांग रखी। अगर अगले 7 दिन में मधुमक्खी पालक किसानों की मांगो पर कारवाही नहीं हुई तो मधुमक्खी पालक किसान आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
हमारी मांगे निम्नलिखित हैं।

1. सभी ब्रांडेड कंपनियों, सभी निर्यातक कंपनियों और ट्रेडर्स की शहद खरीद और बिक्री की जांच के लिए स्वतंत्र SIT गठित की जाए और उस SIT में हमारे संगठन को भी शामिल किया जाए जिससे सभी के शहद खरीद और विक्री की निष्पक्ष जांच हो सके।

2. उत्पादन लागत मूल्य से ऊपर शहद की खरीददारी को सुनिश्चित किया जाए।

3. मौन पालकों को पॉलिनेशन अत्ता दिया जाए।

4. FSSAI ‌द्वारा नए परीक्षणों (NMRTMR, SMR, HRMS) मानकी की अधिसूचित किया जाए।

5. Apiculture के लिए डायरेक्टरेट ऑफ Apiculture बनाया जाए तथा हॉर्टिकल्चर विभाग से एपीकल्चर को अलग किया जाए।

6. नेशनल बी बोर्ड की अंग किया जाए।

7. शुद्ध शहद और जमे हुए शुद्ध शहद की एडवर्टाइजमेंट करके उपभोक्ता को जागरूक किया जाए।

8. मधुमक्खी मित्र पेड़ पौधे लगाए जाएं।

9. जो कीटनाशक विदेशी में प्रतिबंधित हैं उनका हमारे देश में अत्यधिक प्रयोग हो रहा है जिससे हर साल लगभग 10 से 15% मधुमक्खियों (मौन पालन) मर जाती हैं उन सभी कीटनाशकों को प्रतिबंधित किया जाए जो मधुमक्खी फैडली ना हो।

10. भारत सरकार (वाणिज्य मंगलय) द्वारा लागू किए गए मिनिमम एक्सपोर्ट पाइस (MEP) का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे किसानों को उत्पादन लागत मूल्य श्री नहीं मिल पा रहा है। विदेशों में मिलावटी शहद भेजा जा रहा है। मिलावटी शहद के कारण ही हमारे देश को हाई रिस्क कैटेगरी में रखा गया है और इसी कारण इंटरनेशनल मार्केट में भारत के शहद के अच्छे रेट नहीं मिल रहे। मिलावटी शहद पर रोक लगाना अत्यंत जरूरी है।
इस कार्यक्रम में प्रवीण कुमार प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड मधु क्रांति बीफार्मर्स वेलफेयर सोसाइटी जिला उपाध्यक्ष विश्वास
उत्तराखंड संयोजक डॉ विक्रम तवर
जिला अध्यक्ष पंकज कुमार अन्य बीफार्मर्स साथी मौजूद रहे

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