हाईकोर्ट नैनीताल के डीएम देहरादून को सख्त निर्देश, ऑक्सीजन सप्लायरों के सही नंबर उपलब्ध कराएं

[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a1″ count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]
नैनीताल हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी देहरादून की ओर से जारी ऑक्सीजन सप्लायरों के गलत नंबर अंकित करने और उत्तराखंड पोर्टल में अस्पतालों की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराने के मामले में दायर जनहित याचिका पर डीएम देहरादून को निर्देशित किया है।कोर्ट ने कहा कि जनमानस की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ऑक्सीजन सप्लायरों के सही नंबर उपलब्ध कराने के साथ-साथ दवाइयों की कालाबाजारी रोकने के लिए दवाइयों में क्यूआर कोड अंकित किया जाए ताकि इसकी मॉनिटरिंग आसानी से की जा सके।
[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”roorkee-bazar” count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]

कोर्ट ने कोरोना से जंग जीत चुके लोगों के प्लाज्मा डोनट करने के लिए नियमावली बनाने के निर्देश जारी किए हैं।कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि नियत की है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार देहरादून निवासी अनू पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार द्वारा जारी उत्तराखंड पोर्टल हर 6 घंटे में अपडेट किया जाए।

कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन और दवाइयों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के साथ ही देहरादून में ऑक्सीजन सप्लायरों के जो 10 नंबर राज्य सरकार ने जारी किए हैं, दरअसल वे नंबर आक्सीजन सप्लायरों के हैं ही नहीं। जिससे आम जनमानस को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।याचिकाकर्ता ने ऑक्सीजन सप्लायरों के सही नंबर उपलब्ध कराने की मांग की थी।

पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देशित किया है कि आक्सीजन सप्लायरों के सही नंबर उपलब्ध कराने के साथ साथ दवाइयों की कालाबाजारी रोकने के लिए दवाइयों में क्योआर कोड अंकित किया जाए ताकि इसकी मॉनिटरिंग आसानी से की जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *