रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।भाजपा ने दुष्कर्म के आरोपी को बनाया ज्वालापुर सीट से प्रत्याशी, कई आरोप पहले भी, एक क्षेत्र को बता दिया पाकिस्तान, लेनदेन के भी कई मामले, भाजपा की हो रही किरकिरी
हरिद्वार। भाजपा ने दुष्कर्म के आरोपी को ज्वालापुर सीट से प्रत्याशी बना दिया है। आरोपी विधायक ने पीड़िता पर दवाब बनाकर फैसले का प्रयास किया, लेकिन कोर्ट ने 8 अप्रैल—2022 तक जांच अधिकारी को पूरे मामले में जांच के आदेश दे रखे हैं। यही नहीं भाजपा के विधायक सुरेश राठौर पूरे पांच साल विवादों में छाए रहे और लेनदेन समेत शासन से फाइल स्वीकृत कराने के नाम पर कई लोगों से लाखों रूपये वसूल लिए। उन लोगों का काम नहीं हुआ तो रूपये तक नहीं लौटाएं। पूरे पांच साल तक विधायक ने जनता के बीच से गायब रहे। यदि पार्टी ने सीट से प्रत्याशी नहीं बदला तो पार्टी को हार के साथ बदनामी झेलनी पड़ेगी, क्योंकि एक विशेष क्षेत्र को तो विधायक ने पाकिस्तान तक करार तक दे दिया। भाजपा के द्वारा सुरेश राठौर को प्रत्याशी बनाने पर कांग्रेस, बसपा के नेताओं ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।
भाजपा से ज्वालापुर विधानसभा से मौजूदा विधायक सुरेश राठौर का टिकट दोबारा से कर दिया है। इससे भाजपा निशाने पर आई है। सुरेश राठौर पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया, जबकि विधायक ने सत्ता के प्रभाव में पीड़िता को ही जेल भिजवा दिया। लेकिन कोर्ट के आदेश पर विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ बहादराबाद थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा। बाद में विधायक ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए फैसले के लिए दवाब बनाया। लेकिन कोर्ट ने स्वीकार करने के बजाय जांच बैठा दी। विधायक का पूरे पांच साल तक रिकार्ड खराब रहा। क्षेत्र में विकास कार्य के लिए जनता उन्हें ढूंढती रहीं, लेकिन वे गायब रहे। विधायक निधि में कमीशन खोरी के चलते हुए क्षेत्र में सड़कें भी अच्छी नहीं बन सकीं। सड़कें बनते ही टूट गई। क्षेत्र में न तो कोई डिग्री कॉलेज खुल सका और न ही स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कोई काम हो सका। जबकि घाड़ क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि सत्ताधारी विधायक है। लेकिन सपने और उम्मीद धराशायी हो गई।
राज्य में सत्ता भी भाजपा की आई तो लोगों को उम्मीद थी कि क्षेत्र में सड़कें, सिंचाई के लिए नहरें, इलाज के लिए अस्पताल, शिक्षा के स्कूल खुलेंगे। लेकिन पूरे पांच साल में ऐसा कोई कार्य नहीं हुआ। सड़कों में कमीशन खोरी इतनी हुई कि वे बनते ही टूटने लगी। सड़कें गड्डों में तब्दील हो गई। बरसाती नदियों पर रपटे तक नहीं बने। बारिश शुरू होते ही नदियों में पानी आने से गांवों का संपर्क टूट जाता है या दूरी के रास्तों से होकर आना पड़ता है। क्षेत्र में एक भी राजकीय इंटर कॉलेज या डिग्री कॉलेज तक नहीं खुला। ऐसे में शिक्षा के लिए क्षेत्रवासियों को शहर में आना जाना पड़ा या फिर गरीबों के बच्चे शिक्षा से वंचित रहने को मजबूर रहे। खासकर लड़कियों को तो उच्च शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो गया।
कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी एसपी सिंह इंजीनियर का कहना है कि रोजगार देने के लिए कोई काम नहीं हुआ, लेकिन बांटने का काम जरूर हुआ। लोगों को पाकिस्तानी बता दिया। एजूकेशन के लिए काम नहीं हुआ। बालिकाओं के लिए एक डिग्री कॉलेज या तकनीकि शिक्षण संस्थान नहीं खुला। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोग रुड़की या सहारनपुर के लिए जाते थे। विकास जैसी कोई सोच नहीं थी। भाजपा पार्टी ने कैसे दोबारा से प्रत्याशी बना दिया, ये तो उनके पदाधिकारी ही बता सकते हैं।
पाकिस्तानी क्षेत्र बता दिया
ज्वालापुर विधानसभा से भाजपा ने प्रत्याशी नहीं बदला तो चुनाव में भारी मतों से हार का सामना करना पड़ सकता है। कारण विधायक के प्रति क्षेत्रवासियों में भारी नाराजगी है। एक क्षेत्र को पाकिस्तान का हिस्सा बताने के बयान से हिन्दु और मुस्लिम समाज के लोग आहत रहें। जो लोग मिल जुलकर एक साथ रहते हैं, गंगा—जमुना की सभ्यता को सार्थक करते हैं, उनके लिए पाकिस्तान का हिस्सा बताते पर कोई विकास कार्य न कराने पर नाराजगी है। सबसे दुख भरी बात ये रही कि जिस मुस्लिम समाज ने कभी भड़काउ बात तक नहीं की या किसी धर्म समाज के खिलाफ बात की हो तो वे उस शब्द को सुन लेते।इसी के साथ विधायक के तमाम कारनामे भी सामने आ रहे हैं। इसी का कारण है कि कई गांवों में विधायक की नो एंट्री रही।