रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।लक्सर में आज हुए गन्ना समिति के चुनाव ने राजनीतिक समीकरणों को पलटते हुए एक नया इतिहास रच दिया। चुनावी मैदान में सभी कयासों को पीछे छोड़ते हुए अनुराग ने सिर्फ डायरेक्टर पद पर जीत दर्ज की, बल्कि अध्यक्ष पद पर भी प्रबल दावेदारी कर दी है। अगर यह जीत मिलती हैं तो व्यक्ति की नहीं, बल्कि गन्ना किसानों की उस उम्मीद की है, जो वर्षों से नेतृत्व की तलाश में भटक रही थी।
चुनाव परिणाम आते ही लक्सर के गन्ना क्षेत्र में जश्न का माहौल बन गया। समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ अनुराग की जीत का स्वागत किया और फूल मालाओं से अनुराग का अभिनंदन किया। खेत-खलिहानों से लेकर चौराहों तक किसानों में उत्साह साफ दिखाई दिया।
अनुराग की यह जीत केवल एक राजनीतिक विजय नहीं, बल्कि उनकी वर्षों की मेहनत, जमीन से जुड़ाव और किसानों के साथ खड़े रहने की नतीजा है। वो पहले भी गन्ना मूल्य, समय पर भुगतान और सहकारी समितियों में पारदर्शिता जैसे मुद्दों को मजबूती से उठाते रहे हैं। यही कारण है कि किसान वर्ग ने एक सुर में उनके समर्थन में मतदान किया।
डायरेक्टर पद पर जीत के बाद अनुराग ने कहा,
“यह जीत किसानों की है, यह जीत उस पसीने की है जो खेत में बहता है, और अब मेरी जिम्मेदारी है कि गन्ना समितियों को भ्रष्टाचार से मुक्त कर, किसान हित में नई योजनाएं लागू करूं।”
स्थानीय ग्रामीणों और किसान नेताओं का मानना है कि अनुराग के नेतृत्व में लक्सर गन्ना समिति एक बार फिर अपनी खोई हुई साख वापस पा सकती है। उनकी कार्यशैली पारदर्शी, जनसरोकारों पर आधारित और जमीनी हकीकत को समझने वाली मानी जाती है।
अब देखने वाली बात होगी कि अनुराग इस जीत को एक नए दौर की शुरुआत में कैसे बदलते हैं। लेकिन इतना तय है कि लक्सर की राजनीति में अब गन्ना समिति केवल एक संस्था नहीं, बल्कि किसानों की आवाज़ बनने जा रही है। अब अध्यक्ष कौन बनेगा यह देखने वाली बात होगी
अनुराग की ऐतिहासिक जीत – लक्सर गन्ना समिति में नई शुरुआत की दस्तक
