प्रदेश में एक अप्रैल से देसी और अंग्रेजी शराब महंगी हो गई है। शराब की बोतल पर 60 से 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उधर आबकारी महकमे ने बीते वित्तीय वर्ष में 2650 करोड़ के राजस्व लक्ष्य को पार कर लिया है।
कैबिनेट में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिलने के बाद ही प्रदेश में शराब महंगी होने के संकेत मिल गए थे। एक अप्रैल से नई नीति लागू हो गई, जिसमें बढ़े दामों पर बिक्री शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक देसी और अंग्रेजी शराब की बोतल पर 60 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।
देसी शराब का क्वार्टर पहले 70 रुपये में मिलता था, जिसकी कीमत अब बढ़कर 85 रुपये हो गई है। इसी हिसाब से बोतल पर 60 रुपये बढ़े हैं। अंग्रेजी शराब की बोतल में भी 90 रुपये से लेकर 100 रुपये बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह बीयर के दाम भी बढ़े हैं।
उधर आबकारी महकमा राजस्व लक्ष्य पूरा होने पर गद्गद है। महकमे को 2650 करोड़ का राजस्व दिया गया था, जो वित्तीय समाप्त होते पार हो गया है। विभाग को लक्ष्य से करीब 100 करोड़ रुपये ज्यादा मिले है। आबकारी आयुक्त दीपेंद्र चौधरी का कहना है कि विभाग ने राजस्व के लक्ष्य को पार कर लिया है।
कई जिलों में नहीं हुआ ठेकों का आवंटन
प्रदेश के कई जिलों में अभी देसी और अंग्रेजी के 219 ठेकों का आवंटन नहीं हो पाया है। इनमें हरिद्वार में 90, ऊधमसिंह नगर में 70, नैनीताल में 20 और देहरादून में 39 ठेकों का आवंटन नई आबकारी नीति के तहत अभी तक नहीं हो पाया है। आबकारी विभाग ने इन ठेकों के आवंटन को लेकर शासन से दिशा-निर्देश मांगे हैं।