खास बातें
33 वस्तुओं को 18 फीसदी स्लैब से 12 व 5 फीसदी के स्लैब में लाया गया है।सिर्फ 34 उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी को 18 या उससे कम जीएसटी दर में रखा गया है।कंप्यूटर मॉनिटर, पावर बैंक, यूपीएस, टायर, डिजिटल कैमरा, वॉशिंग मशीन और पानी गर्म करने वाला हीटर शामिल है। यह काउंसिल की 31वीं बैठक थी।
केंद्र सरकार ने नए साल से पहले तोहफा देते हुए लोकसभा चुनाव के लिए वोट साधने की कोशिश की है। 32 इंच के टीवी, कंप्यूटर, री-ट्रीटेड टायर, सिनेमा के टिकट और 6 सेवाओं समेत 23 चीजों पर वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) घटा दिया गया है। छह चीजों को जीएसटी के 28 फीसदी के दायरे से निकालकर 18 फीसदी में किया गया है। अब सर्वोच्च स्लैब में सिगरेट, तंबाकू, सीमेंट, एसी, डिशवाशर जैसी 28 वस्तुएं ही रह गई हैं। नई दरें 1 जनवरी, 2019 से प्रभावी होंगी।
इस बार ज्यादातर चीजों को एक स्लैब ही नीचे लाया गया है, लेकिन दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर जैसे जरूरी सामानों पर जीएसटी 28 से सीधे 5 फीसदी कर दिया गया है। इस पर पांच फीसदी कर इसलिए लगाया है ताकि इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिल सके। माल ढोने वाले मोटर वाहनों के थर्ड पार्टी बीमा पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी किया गया है। वहीं, 100 रुपये तक के सिनेमा टिकट पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 और 100 रुपये से ज्यादा के टिकट पर 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा फ्रोजेन सब्जियों पर लगने वाला 5 फीसदी और म्यूजिक बुक्स पर लगने वाला 12 फीसदी जीएसटी खत्म कर दिया गया है।
जीएसटी काउंसिल की 31वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इससे राजस्व पर 5,500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी में सुधार सतत प्रक्रिया है। अब 28 फीसदी के दायरे में सिर्फ 28 वस्तुएं हैं। अगर सीमेंट को इससे निकाल दिया जाए तो बाकी सभी लग्जरी वस्तुएं हैं। इस स्लैब में 13 वस्तुएं ऑटो पार्ट्स से संबंधित हैं, जबकि एक सीमेंट। इन दोनों से ही सरकार को 33,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। इसलिए इन्हें इस स्लैब से नीचे करना फिलहाल संभव नहीं है।