शर्मनाक-स्वतंत्रता दिवस पर चार घन्टे तक कैदी बना दिये गए आधे रुड़की शहर के लोग,पुलिस और प्रशासन के अफसरों से लेकर विधायक तक की जमकर आलोचना


रुड़की(संदीप तोमर)। 15 अगस्त, देश की स्वतंत्रता का दिन। बल्कि यूं कहें कि कश्मीर के दृष्टिगत भारत की पूर्ण स्वतंत्रता का अहसास कराने वाला पहला एतेहासिक स्वतंत्रता दिवस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में देश की सम्पूर्णता का अहसास कराने वाला स्वतंत्रता दिवस। लेकिन रुड़की में यह सुनहरा दिन चार घन्टे के लिए पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों के लिए कैद का दिन बन गया। चूंकि स्थानीय विधायक भी इस चार घन्टे की कैद के बदले कुछ चिकित्सकों एवं नेताओं की उच्च क्लास के कुछ लोगों के साथ फैशन शो जैसे आयोजन का लुत्फ उठाने में मशगूल रहे तो अब उनके साथ ही पुलिस और प्रशासन के कई अफसरों को भी बड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है।

दरअसल एक निजी फैशन शिक्षण संस्थान की ओर से कल शाम यह आयोजन नगर निगम काम्प्लेक्स में किया गया था। फैशन शो के इस आयोजन को चूंकि देशभक्ति का कार्यक्रम बताते हुए सार्वजनिक स्थान पर आयोजित किया गया था। लड़कियों के कैट वॉक से लेकर फिल्मी धुनों पर नृत्य आदि के कारण जिस तरह का माहौल आयोजन में था,उसे देखते हुए सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस व प्रशासन की ओर से आखिर नगर निगम के सार्वजनिक स्थान पर ऐसे आयोजन की अनुमति आखिर कैसे दे दी गयी। हालांकि कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि कार्यक्रम की अनुमति नही थी,ऐसा है तो और ज्यादा गम्भीर विषय है कि बिना अनुमति के देशभक्ति के नाम पर ऐसे भौंडे प्रदर्शन वाला कार्यक्रम बिना अनुमति हो गया और बिना अनुमति के निजी कार्यक्रम के लिए पुलिस ने एक मार्ग को चार घन्टे तक बन्द रखकर लगभग आधे शहर की यातायात व्यवस्था को जाम किये रखा और लोगों को एक तरह से स्वतंत्रता दिवस के दिन बिना किसी अपराध के कैदी बनाये रखा। रास्ता किस जगह और कैसे बंद किया गया था,इसका जिक्र आगे होगा। यहां यह जान लेना जरूरी है कि अनुमति या बिना अनुमति जैसे भी यह आयोजन हो रहा था,उसमें खुद नगर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा से लेकर पुलिस और प्रशासन के कई अफसर शामिल थे। दरअसल जिस तरह का यह आयोजन था,उस हिसाब से होना तो यह किसी होटल या अन्य बंद किस्म के स्थान पर चाहिए था। किंतु आयोजकों को शायद देशभक्ति कार्यक्रम के नाम पर नगर निगम के सार्वजनिक स्थान को फ्री में हासिल कर पैसे बचाने थे,ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि चर्चा है कि उक्त स्थान को फ्री में हासिल किया गया था। खैर नगर निगम कॉम्प्लेक्स के सामने वाली सड़क को बाबा साहेब डा.अम्बेडकर की प्रतिमा से लेकर पैट्रोल पम्प तक बंद कर दिया गया था। यहां से वाहन तो दूर लोगों को पैदल तक नही जाने दिया जा रहा था। इस कारण से आधे शहर के लोग चार घन्टे तक परेशान रहे। उन्हें स्वतंत्रता दिवस के दिन कैदी वाली फिलिंग इस व्यवस्था के कारण हुई और उधर विधायक से लेकर कई पुलिस और प्रशासन के अफसर कार्यक्रम में फैशन शो का आनन्द लेते रहे। यहां यह बताना भी जरूरी है कि कार्यक्रम को देशभक्ति कार्यक्रम का नाम देते हुए सार्वजनिक स्थान पर किया गया,लेकिन आम लोगों को इसमें प्रवेश भी नही दिया गया। शहर के कुछ नेता,चिकित्सक और व्यापारी जिनकी गिनती एक क्लास वालों के रूप में होती है केवल वहीं इसमें शामिल थे। अन्यथा आम जन बाहर धिक्कारे ही जाते रहे। यूं इस आयोजन के शुरू होने के साथ ही तमाम आयोजको और पुलिस प्रशासन के अफसरों से लेकर विधायक की कड़ी आलोचना शहर में शुरू हो गयी थी,किन्तु यह सिलसिला अभी भी नही रुका है। शोसल मीडिया के साथ ही सार्वजनिक चर्चा में इसे लेकर इन सभी की लोग निंदा कर रहे हैं।

गगन आहूजा भी लोगों के निशाने पर

पूर्व में कई मामलों को लेकर विधायक प्रदीप बत्रा की फजीहत करा चुके उनके कथित निकटस्थ पर्दा व्यापारी गगन आहूजा भी इस मामले को लेकर लोगों के निशाने पर हैं। दरअसल वह इस कार्यक्रम में कई बार संचालक की भूमिका में नजर आये। उन पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने कई लोगों की यहां एंट्री नही होने दी। उन पर कई अन्य आरोप भी इस आयोजन की बाबत लगाए गए हैं।भाजपा नेता अजीत मधुकर जाटव,दीपक कैथल ने तो बकायदा फेसबुक पर पोस्ट करते हुए उनके कथित कृत्य की निंदा की है। उन्होंने वहां अपना पक्ष रखते हुए आरोप गलत बताए हैं। साथ ही बातचीत में कहा है कि यह आयोजन उनका नही था। वह खुद एक आयोजन करने वाले थे। जिसकी बाबत उनकी विधायक प्रदीप बत्रा से बातचीत हुई थी। इस बीच यह कार्यक्रम आ गया और इसकी जानकारी भी उन्हें विधायक ने ही दी तथा उन्ही के कहने पर वह अपना कार्यक्रम इसमें जोड़ते हुए इस आयोजन के साथ जुड़े। यह पूरा आयोजन उक्त फैशन इंस्टिट्यूट का था,वह तो थोड़ी देर के अपने कार्यक्रम के हिस्सेदार थे। कुल मिलाकर जहां जाने अनजाने उनका यह बयान फिर ठीकरा विधायक के ही सिर फोड़ रहा हैं वहीं उनके पास इस बात का कोई जवाब नही कि भले वह पूरे आयोजन के जिम्मेदार नही,और उनकी अन्य तमाम बातें भी सही,किन्तु जिस तरह से वह खुद को घनघोर जिम्मेदार व्यक्ति प्रदर्शित करते हैं तो क्या उन्हें देशभक्ति का नाम देकर किये गए ऐसे भौंडे आयोजन से जुड़ना चाहिए था?और क्या उन्हें वहीं रास्ता बंद किये जाने को लेकर विरोध व्यक्त नही करना था?

खुद के प्रचार के लिए किया था आयोजन

जिस फैशन इंस्टिट्यूट द्वारा यह आयोजन करना बताया गया है वह पूरी तरह एक व्यवसायिक निजी संस्था है और हर वर्ष इस आयोजन को कहीं होटल आदि में ही करती थी। लेकिन इस बार संस्था के प्रचार के लिए व्यापक स्तर पर ताना बाना तैयार कर यह आयोजन देशभक्ति का बताकर सार्वजनिक स्थान पर फैशन शो करते हुए व्यवसायिक हित साधने की कोशिश की गई,ऐसी नगर में चर्चा है।

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