रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।।हाईकोर्ट द्वारा बर्खास्त जिला पंचायत अध्यक्ष सविता चौधरी व अन्य तीन जिला पंचायत सदस्यों पर करोड़ों रुपए की देनदारी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर विगत दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद आज एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र सिंह ने कहा कि सविता चौधरी और अन्य
जिला पंचायत सदस्यों पर लगाए गए आरोप निराधार है और यह मामला भी झूठा है। क्योंकि जिस जांच का हवाला दिया गया, वह सविता चौधरी के कार्यकाल से पूर्व की हैं। उन्होंने दावा किया कि यदि उनके या उनके परिवार के सदस्य के कार्यकाल के दौरान पंचायत का यदि 100 या 200 रुपये बकाया साबित कर दे, तो वह कभी जिला पंचायत की राजनीति नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि सरकार का हम पर बकाया होता, तो वह बर्खास्तगी के चंद दिनों बाद ही वसूल कर लेती। बताया कि 2019 में हाईकोर्ट ने जांच समाप्त करते हुए किसी प्रकार का कोई बकाया ना होने से इंकार कर दिया था। बताया कि सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते तीन बार सविता चौधरी को बर्खास्त किया। आज इस मामले की सुनवाई होना कही न कही उनके चुनाव को राजनीतिक रूप से प्रभावित करना है। उन्होंने बिना नाम सुभाष वर्मा पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि जो लोग हर रोज कपड़ों की तरह पार्टी बदलते हैं, ऐसे लोग उनके चुनाव को बाधित करने का लाख प्रयास कर लें, उन्हें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने तीन माह में तीन बार पार्टी बदली हो, उनका अपना कोई आधार ही नही है। उनकी हैसियत भी क्षेत्र पंचायत चुनाव लड़ने की नही है ओर ऐसे लोग जिपं अध्यक्ष बनने का ख्वाब देख रहे है। कहा कि जिस व्यक्ति ने मुख्यमंत्री रहते हुए सुभाष वर्मा को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया, वह उसके नहीं हो सके, तो वह किसी ओर दल के क्या होंगे। उन्होंने कहा कि वर्मा ने कांग्रेस की सरकार आता देख उसकी सदस्यता ली, लेकिन जब विधानसभा चुनाव में पार्टी हार गई तो उन्होंने कांग्रेस को भी त्यागपत्र दे दिया और पंचायत की राजनीति में कूदने के लिए बसपा पार्टी में छलांग लगा दी। कहा कि बसपा पार्टी अपना बोर्ड बनाएगी और ऐसे लोगों को दरकिनार किया जाएगा। वहीं एक सवाल में उन्होंने विगत दिवस भाजपा में शामिल हुए रविंद्र पनियाला व उनके समर्थकों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि जिस व्यक्ति को बसपा पार्टी ने जनपद में एक भी टिकट ना दिया हो, आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी जनपद में कितनी हैसियत है और वह कितने रसूख वाले हैं। उनका खुद का भी कोई जनाधार नहीं है। वह कब कौन सी पार्टी में दाखिल हो जाएं यह सिर्फ वही जानते हैं। साथ ही बताया कि बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व में बसपा का बोर्ड बनेगा और भाजपा व कांग्रेस मुंह की खाएगी।