नगर निगम की बोर्ड बैठक में शामिल नही होंगे पार्षदपति-गौरव गोयल,अब पीएम की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम का भाजपाई पार्षदपति गण भी क्या करेंगे सम्मान?

रुड़की(संदीप तोमर)। बुधवार को भाजपा के कुछ पार्षदों और चार पार्षदपतियों ने नगर निगम की मुख्य नगर अधिकारी नूपुर वर्मा को ज्ञापन सौंपकर मांग उठाई थी कि बोर्ड बैठक जल्द बुलाई जाए। यह बैठक तब होगी-जब होगी,लेकिन ज्ञापन सौंपने के इस घटनाक्रम के फोटो जब मीडिया में आये तो दो सवाल प्रमुखता से उठ खड़े हुए कि क्या संवैधानिक व्यवस्था के तहत बोर्ड बैठक में मेयर गौरव गोयल पार्षदपतियों को भी शामिल करेंगे और क्या जो पार्षदपति हैं,वह पार्षद बनी अपनी पत्नियों को उनका संवैधानिक अधिकार देते हुए उन्हें खुद काम करने का अवसर प्रदान करेंगे या नही?खास तौर पर भाजपा के पार्षद,जिस पार्टी के वरिष्ठ नेता और देश के प्रधानमंत्री बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम को जोर शोर से चला रहे हैं।


महिलाओं के सिर्फ आरक्षण ही बल्कि सम्मान से भी जुड़े इस अहम मामले को लेकर रुड़की हब ने आज मेयर गौरव गोयल से बात की। जिस पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बोर्ड बैठक में वही शामिल होंगे जो पार्षद निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने साफ किया कि किसी भी निर्वाचित पार्षद का पति बोर्ड बैठक में शामिल नही होगा। पार्षदपतियों को बोर्ड बैठक के दौरान कक्ष से बाहर रहना होगा। मेयर गौरव गोयल का यह निर्णय इस दृष्टि से अहम है कि पिछले बोर्ड में पूर्व महापौर यशपाल राणा इस संवैधानिक व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराते थे और कोई भी पार्षदपति बोर्ड बैठक में शामिल नही होता था।

मेयर गौरव गोयल के इस निर्णय के बाद अब यूं तो सभी पार्षदपतियों चाहे वह किसी भी दल के हो,अथवा निर्दलीय, सभी के लिए भी उनकी पार्षद पत्नियों के दृष्टिगत महिला आरक्षण और संविधान की व्यवस्था के सम्मान का सवाल खड़ा हो गया है लेकिन विशेष रूप से भाजपाई पार्षदपतियों के लिए यह अहम मसला माना जायेगा। क्योंकि भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को विशेष रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। यहां ध्यान रहे कि बुधवार को एमएनए नूपुर वर्मा को जिन भाजपा पार्षदों ने ज्ञापन दिया था,उनमें चार महिला पार्षदों वार्ड-17 से मीनाक्षी तोमर की जगह उनके पति संजीव तोमर,वार्ड-18 से पार्षद स्वाति तोमर की जगह उनके पति कुलदीप तोमर,वार्ड-20 से पार्षद राजेश देवी की जगह उनके पति सुबोध चौधरी और सीबीआरआई क्षेत्र से पार्षद दया शर्मा की जगह उनके पति जेपी शर्मा शामिल थे। (चित्र यहां प्रकाशित किया जा रहा है।) खैर मेयर ने अपना रुख साफ कर दिया है,अब देखना होगा कि सभी पार्षद पति,विशेषतः भाजपाई पार्षद पति गण अपनी पत्नियों को पीएम की मुहिम के दृष्टिगत मान सम्मान देते हैं या नही?

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