यादवपुरी में हुए लूट के बड़े मामले का खुलासा,भूस के ढेर में सूईं ढूंढने की तर्ज पर बदमाशों तक पहुंची पुलिस,चारों आरोपियों में से एक फैंक चुका है पीएसी पर बम,शत-प्रतिशत रिकवरी,पुलिस टीम पर इनामों की बौछार

रुड़की(संदीप तोमर)। गंगनहर कोतवाली अंतर्गत यादवपुरी (रामनगर) क्षेत्र में 31 दिसंबर की शाम श्रीमती वंदना मोहन के घर हुई लूट की घटना के बड़े मामले का गंगनहर कोतवाली पुलिस ने सीआईयू टीम के साथ मिलकर खुलासा कर दिया है। इस मामले में चार शातिर बदमाश पकड़े गए हैं। इनमें से एक बदमाश 90 के दशक में पीएससी की टीम पर बम फेंकने जैसी बड़ी घटना में भी शामिल रहे चुका है,जबकि यह गिरोह कथित रूप से उत्तर प्रदेश में थानाध्यक्ष के घर पर भी इसी प्रकार की लूट की वारदात को अंजाम दे चुका है,हालांकि इसकी अभी पूरे तौर पर तस्दीक नहीं हुई है। इसके अलावा इसी प्रकार से इस गिरोह ने कई वारदातों को अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस के लिए सफलता की सबसे बड़ी बात यह है कि पकड़े गए चारों बदमाशों से लूट की तमाम रकम जेवरात शत प्रतिशत रूप से बरामद किए गए हैं। इस सफलता पर एसएसपी की ओर से पुलिस टीम को ढाई हजार व आईजी की ओर से 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। जबकि वादी परिवार की ओर से पुलिस टीम को 21000 का नगद पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। इस मामले का खुलासा

आज कोतवाली गंगनहर में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस घटना की बाबत जानकारी देते हुए बताया कि 31 दिसंबर की रात यादवपुरी रुड़की में श्रीमती वंदना मोहन के घर में घुसकर चार अज्ञात बदमाशों द्वारा तिजोरी के साथ ही सोने के जेवरात व कुछ नकदी लूट ली गई थी इस मामले के खुलासे में गंगनहर कोतवाली पुलिस के साथ ही सीआईयू टीम एसपी देहात स्वपन किशोर सिंह के निर्देशन में लगी हुई थी। घटना में शामिल बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने रुड़की शहर के साथ ही बाहरी क्षेत्र में लगे तमाम सीसीटीवी कैमरा को खंगाल डाला और अंत में पुलिस मेहनत करते हुए भूस के ढेर में सुई ढूंढने के समान इस केस में सफलता के शिखर तक पहुंच गयी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को एक मारुति इको गाड़ी पर शक हुआ। शक के आधार पर पुलिस ने 30 मारुति इको कारों का सत्यापन किया। जिसमें मोदीनगर की गाड़ी की पुष्टि हुई। इसके बाद मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रहीमपुर रोड के समीप से आरोपी रईस अहमद पुत्र इस्लामुद्दीन निवासी ग्राम विशोखर कोतवाली मोदीनगर जिला गाजियाबाद,अय्यूब पुत्र हाजी मुंशी निवासी इस्लामाबाद थाना लिसाड़ी गेट मेरठ,अजहरुद्दीन पुत्र लईक निवासी नूरपुर थाना लिसाड़ी गेट मेरठ,कार चालक अनीश अहमद पुत्र मौ.उमर निवासी विशोखरा मोदीनगर जिला गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से तीन तमंचे व चार जिंदा कारतूस के साथ ही कार बरामद हुई। इनका एक साथी सलीम दीवाना भागने में सफल रहा। इन लोगों से पूछताछ की गई तो उन्होंने यादवपूरी की घटना में शामिल होना स्वीकार किया। आरोपियों की निशानदेही पर लूटी गई रकम के साथ ही तमाम नकदी व जेवरात बरामद कर लिए गए। पकड़े गए बदमाशों में शामिल अयूब वर्ष 1993 में पीएससी टीम पर बम फेंकने की घटना में शामिल रह चुका है। यह घटना उसने 1987 में मेरठ में हुए हाशिमपुरा के दंगे में पीएससी द्वारा दंगाइयों के खिलाफ की कार्रवाई के बदले की भावना के रूप में अंजाम दी थी। गिरोह द्वारा यादवपूरी की घटना की तरह एक दर्जन से ज्यादा घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। हालांकि अभी तक तस्दीक नहीं हुआ है लेकिन बताया गया है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक थानाध्यक्ष के यहां भी इसी प्रकार की वारदात को अंजाम दे चुका है।

पुलिस टीम में एसपी देहात स्वपन किशोर सिंह, सीओ रूडकी चन्दन सिंह बिष्ठ, एसएचओ, गंग नहर राजेश साह, प्रभारी उपनिरीक्षक सीआईयू रूड़की रविन्द्र सिंह, उप निरीक्षक नीतीश शर्मा,उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, उप निरीक्षक विनोद गोला,उप निरीक्षक विनोद भट्ट, उप निरीक्षक विनय द्विवेदी,उप निरीक्षक नवीन पुरोहित,उप निरीक्षक यशवंत खत्री,हेड कॉस्टेबल देवेंद्र भारती, कॉन्स्टेबल जाकिर, मुकेश जोशी,बृजपाल,कपिल,रणवीर,सुमित,राकेश प्रजापति,धीरज कुमार, चेतन,महिपाल तोमर,रविन्द्र खत्री, सुरेश रमोला, अशोक कुमार,शामिल रहे। घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को आईजी गढ़वाल की ओर से पांच हजार तथा एसएसपी हरिद्वार द्वारा ढाई हजार रुपए पुरस्कार की घोषणा की गई। जबकिं वादी परिवार 21 हजार का इनाम पुलिस टीम को देगा।

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