रामनगर बस स्टॉप यात्री शेड मामला:विधायक प्रदीप बत्रा शिफ्टिंग के तो गगन आहूजा बन रहे तिरपाल डालने के अनुभवी

रुड़की(संदीप तोमर)। भारी भीड़ भाड वाले इलाके रामनगर चौक पर राजमार्ग किनारे यात्रियों को बारिश और धूप से बचाव के लिए बनाये गये बस स्टॉप के शेड़ को रातों रात उतार दिया गया। कई दिनों तक लोग इसी उहांपोंह मे रहे कि आखिर इसे उतरवाया किसने है? चूंकि रुड़की के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा इस प्रकार के कार्यो को रातों रात कराये जाने के लिए एक्सपर्ट समझे जाते है। ऐसे में लोगों के शक की सूई उन्ही की ओर घूम रही थी। इस पर सच की मुहर अपने आप को सामान्य कॉमन मैन बताने वाले विधायक के एक समर्थक गगन आहुजा की फेसबुक पोस्ट से तब लगी जब उन्होंने विधायक से व्हाट्सअप पर हुई बातचीत का स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए विधायक की ओर से जानकारी दी कि इस बस स्टॉप को यहां से दूसरी ओर बनवाया जायेगा, यहां लगा बिजली का ट्रांसफार्मर यादवपुरी पार्क में शिफ्ट होगा तथा यहां से अतिक्रमण हटवाया जायेगा। इस सूचना के अगले रोज गगन आहुजा ने अपने एक संगठन के लोगों के साथ मिलकर बस स्टॉप के उपर तिरपाल बंधवा दी। उनका यह काम जहां भीषण गर्मी में लोगों के लिए तत्कालिक राहत वाला बना वहीं उन्हें इस बात के लिए भी बधाई दी जानी चाहिए कि उनके कारण ही लोगों को पता लगा कि बस स्टॉप का शेड विधायक प्रदीप बत्रा ने हटवाया है नही तो यह राज ही बना रहता कि शेड़ किसने हटवाया?

गगन आहुजा ने व्हाट्सअप संदेश के जरिये विधायक की आगामी योजना का खुलासा करते हुए शेड़ की जगह तिरपाल तो बंधवा दी है लेकिन विधायक द्वारा इस प्रकार पूर्व में किये गये कार्यो के दृष्टिगत इस कार्य की बाबत कोई सवाल ना तो गगन आहुजा ने उठाया है और ना ही तरीके सिर किसी ओर ने अभी तक पूछा है। दरअसल 2008 में नगर पालिका चेयरमैन बनने के साथ ही अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान विशाल मेगा मार्ट के सामने से जिस प्रकार मौजूदा विधायक प्रदीप बत्रा ने पुलिस चौकी को हटवा दिया था और इसके बाद अभी कुछ वर्ष पूर्व सिविल लाईन में शहीद चन्द्रशेखर चौक को उनकी मूर्ति समेत वहां से शिफ्ट कराया, उसे देखते हुए विधायक प्रदीप बत्रा की भावना पर इस मामले को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस चौकी के मामले में साफ हुआ था कि उन्होंने अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान को लाभ पहुंचाने के लिए चौकी को हटवाया तो शहीद चन्द्रशेखर चौक मामले में अपने सजातिय दुकानदार को लाभ पहुंचाने का आरोप उन पर लगा था। अब रामनगर वाले मामले में भी अपने सजातिय एक चिकित्सक को लाभ पहुंचाने के लिए बस स्टॉप को यहां से हटवाने की योजना बनाने के आरोप उन पर लग रहे हैं (हालांकि पालिका चेयरमैन रहते रामनगर में ही सजातिय लोगों से दुकान आवंटन के मामले में अवैध रुप से धन लेने के आरोप भी प्रदीप बत्रा पर लग चुके है और हाल ही में इन लोगों ने उनके घर के बाहर धरना भी दिया था।) खैर विधायक प्रदीप बत्रा अभी विदेश मे हैं और गगन आहुजा ने उनसे जो बात की उसमें उनसे इस मामले को लेकर काफी कुछ जाना,पर यह जानने का साहस गगन आहुजा भी नही जुटा पाये की उन पर बिरादरी के चिकित्सक को बस स्टॉप हटवाकर लाभ पहुंचवाने के जो आरोप लग रहे है वह सही है या गलत? खैर शायद गगन आहुजा जैसे समाजसेवी ऐसे सवाल ना करते हों और विधायक प्रदीप बत्रा ने यहां से अतिक्रमण हटवाने की जो सूचना उन्हें दी है उससे वह गदगद है। तो फिर कम से कम खुद विधायक प्रदीप बत्रा द्वारा अपने घर के ठीक सामने सड़क पर अपने घर में सप्लाई के लिए बड़ा जनरेटर रखने और अपनी गाड़ियो के लिए शेड़ बनवाने के रुप में जो खुला अतिक्रमण किया गया है उसके बारे मे ही गगन आहुजा कोई सवाल विधायक जी से पूछ लेते, ऐसी आशा लोग जता रहे हैं। खैर ध्यान रहे कि यह वही गगन आहुजा है जिन्होंने विधायकों का वेतन बढने पर प्रदीप बत्रा के हवाले से उनके द्वारा अपना बढा वेतन दान में देने की झूठी घोषणा सोशल मीड़िया पर कर डाली थी। बाकि जिस तरह प्रदीप बत्रा शिफ्टिंग के एक्सपर्ट हो चले हैं वैसे गगन आहुजा भी तिरपाल डालने के अनुभवी बनते जा रहे हैं।

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