अंग्रेजों द्वारा विक्रय संपत्ति के बेनावे होने के बावजूद नजूल का दंश झेल रहा सिविल लाइन: तनुज राठी ‌

नितिन कुमार रुडकी हब


सिविल लाइन रुड़की का क्षेत्र राजस्व अभिलेखों में केवट 99 के अंतर्गत आता है l उक्त खेवट का नंबर 99 का अभिलेखों में कुल क्षेत्रफल 444 पॉइंट 248 हेक्टेयर अंकित है l जिसमें से मालिकयत ” सरकार केसर हिंद” राजस्व अभिलेखों में 383 पॉइंट 714 हेक्टेयर अंकित है l जोकि नगर निगम द्वारा 1991_ 92 में नजूल भूमि पर सर्वे किया गया था और सर्वे के आधार पर नक्शे भी बनाए गए थे l यह रिकॉर्ड नजूल रजिस्टर 1863 से आज तक राजस्व अभिलेखों में चला आ रहा है l जिस पर अभी हाल ही में हाई कोर्ट ने उत्तराखंड की नजूल भूमि जिओ 2009 निरस्त कर दिया था! जिस पर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में स्टे प्राप्त किया हुआ है!


खेवट 99 में नगर निगम रुड़की को 12 पॉइंट 558 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राप्त है! भाजपा नेता तनुज राठी से प्राप्त जानकारी के अनुसार खेवट 99 में आजादी से पहले लोगों के पास बैनावे होने के बावजूद खतौनी में मालिकयत “सरकार केसरे हिंद” दर्ज होने के कारण सभी सिविल लाइन की भूमि नजूल मानी जाती है यदि किसी की भूमि नजूल नहीं है फ्री होल्ड है तो उसे यह खुद साबित करना पड़ता है l इसी कारण सबसे बड़ा नुकसान लोगों को नक्शा पास ना होने के कारण होता है l तनुज राठी ने बताया है कि सिविल लाइन की भूमि नजूल ना होने का केस हाई कोर्ट तक भी लड़ा गया है लेकिन कोर्ट ने नजूल है या नहीं है इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है l खेवट 99 में दर्ज राजस्व अभिलेखों में खेवटदारो के नाम लगभग 39 पॉइंट 808 भूमि दर्ज है l साथ ही तनुज राठी ने जानकारी यह भी दी कि सिविल लाइन की भूमि के खसरे 1600 शामिलत से बदलकर 1400 अंग्रेजों द्वारा नक्शा बनाकर 1863 में कर दिए गए थे। जो आज तक इसी प्रकार चले आ रहे हैं उदाहरण के लिए 1850 में बीएचएल अड्डे के नजदीक शेर कोठी में शेर बनाया गया था। जो कि सिविल लाइन का सबसे पहला खसरा नंबर 1384 है। काफी अध्ययन करने के बाद तनुज राठी का मानना है कि अंग्रेजों द्वारा बेनावो मैं दर्ज नाम राजस्व अभिलेखों में बंगलों के सामने दर्ज नहीं हो पाए थे। जो कि बेनावो के आधार पर दर्ज होने जरूरी थे।

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