(खोल दूं पोल) राकेश या रमेश जोशी-दोनों में जो भी हो दोषी,फिर समझ नही आया कि इस्तीफा क्यों देंगी श्रीमती देवकी जोशी?सवाल सिर्फ पार्षद पतियों व पार्षद पुत्रों का नही, सफाईकर्मी सन्नी के घाव देखते ही छलक आती हैं आंखे….

रुड़की(संदीप तोमर)। खबर की शुरुआत में ही यह जान लीजिए कि संविधान में किसी भी निर्वाचित पद पर किसी तरह के प्रतिनिधि पद(विशेष स्थिति को छोड़कर) की कोई व्यवस्था नही है,पार्षदपुत्र या पार्षदपति की तो कतई नही। हां,भाईचारे में काम चलना अलग बात हो सकती है। अन्यथा की स्थिति में पार्षदपुत्र व पार्षदपति की हैसियत इतनी ही है कि वह अपनी निर्वाचित पत्नी या मां को सम्बंधित नगर निगम तक ले जाये,(यदि निर्वाचित महिला वाहन चलाना न जानती हो) और जनहित के काम निर्वाचित महिला से कराकर उन्हें घर ले आये।

अब सवाल उठता है कि यहां केवल नगर निगम की ही बात क्यों हो रही है। दरअसल यूं तो उपरोक्त पूरी व्यवस्था तमाम निकायों से लेकर पंचायतों पर भी लागू होती है,लेकिन चूंकि रुड़की नगर निगम में आज पार्षदपति रमेश जोशी व सफाई नायक राकेश कुमार के बीच अधिकारों की लड़ाई को लेकर विवाद हुआ है तो उसके मूल सन्दर्भ में उपरोक्त जानकारी देना उचित समझा। खैर जहां बातचीत में मुख्य नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने भी माना कि संविधान में पार्षदपति या पार्षद पुत्र की कोई व्यवस्था नही,वहीं सुबह का मामला किस तरह घटित हुआ,पहले यह जान लीजिए।

दरअसल सुबह के समय पार्षद पति रमेश जोशी पर अभद्रता करने का आरोप लगाकर सफाई कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया। मामले को लेकर कर्मचारी सहायक नगर आयुक्त से मिले और मामले में कोई कार्रवाई करने की मांग की। कार्रवाई न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।


अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले नगर निगम स्थित सहायक नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचे सफाई कर्मचारियों ने कहा कि वह कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं फिर भी जनप्रतिनिधि अपनी ओछी राजनीति के लिए उनसे समय समय पर अभद्रता करते हैं। ताजा मामला वार्ड नम्बर तीन से पार्षद पति रमेश जोशी ने कर्मचारी सन्नी से अभद्रता की है। आरोप है कि केमिकल और सेनेटाइजर का छिड़काव के दौरान दवाइयों की मात्रा कम ज्यादा करने को लेकर अक्सर वह दुर्व्यवहार करते रहे। आरोप लगाया कि केमिकल गिरने के कारण कर्मचारी सन्नी की पीठ पर भी जख्म हो चुके हैं। संगठन रुड़की शाखा के अध्यक्ष सनाती बिरला ने कहा कि कर्मचारी आज इस मामले को लेकर सहायक नगर आयुक्त से मिले हैं और उनसे पार्षद पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने की मांग की है। इस अवसर पर संगठन के प्रदेश महामंत्री रामेश्वर प्रसाद, रुड़की महामन्त्री नानक चंद गम्भीर, राकेश,बंटी, सुरेश आदि कर्मचारी मोजूद रहे।

इस घटनाक्रम के बाद दलीय व निर्दलीय पार्षदपति या पार्षदपुत्र एक मंच पर आये। इनमें कुछ निर्वाचित पार्षद भी थे। इनका घटनाक्रम कुछ यूं रहा कि यह सभी एकजुट होकर नगर निगम कार्यालय पहुंचे। पार्षद पति ने सफाई नायक पर अभद्रता करने का आरोप लगाया और सबूत के तौर पर एक रिकॉर्डिंग भी मेयर को सुनाई। इसके साथ ही पार्षद देवकी जोशी के साथ में अन्य कई पार्षदपतियों ने हस्ताक्षर कर एक ज्ञापन मेयर और नगर आयुक्त को दिया है।


नगर निगम के सोलानीपुरम वार्ड की पार्षद देवकी जोशी के पति रमेश जोशी पर अभद्रता करने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ सफाई कर्मचारियों ने आज सुबह नगर निगम परिसर में मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने एसएनए से मिलकर मामले में कार्रवाई की मांग की थी। वहीं दूसरी ओर दोपहर होने तक पार्षद और पति व पुत्र एकत्र होकर नगर निगम पहुंचे। सोलानीपुरम की पार्षद देवकी जोशी ने क्षेत्रीय सफाई नायक पर उनके पति के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया। पार्षदों ने मेयर गौरव गोयल और एमएनए लिखें पत्र में सफाई नायक को निलंबित करने की मांग भी की है। देवकी जोशी ने लिखा है यदि अधिकारी सफाई नायक के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करते तो वह अपने पार्षद पद से त्यागपत्र देने को मजबूर होंगे।

इसके साथ ही सफाई नायक से वार्ता की एक रिकॉर्डिंग भी मेयर के समक्ष प्रस्तुत की। देवकी जोशी के पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में पार्षद राजेश्वरी देवी, गीता देवी, मीनाक्षी तोमर, वीरेंद्र कुमार, धीरज सिंह, नितिन त्यागी ,नवनीत शर्मा ,नीतू शर्मा, हेमा बिष्ट, सचिन, आशीष अग्रवाल, प्रमोद पाल के अतिरिक्त प्रेम सिंह रावत मौजूद रहे। वहीं मेयर गौरव गोयल ने कहा कि पार्षदों की शिकायत पर जांच की जाएगी और उसके बाद दोनों पक्षों से वार्ता कर इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वैसे राकेश की यह बात सही लगती है

सफाई नायक राकेश की जो रेकॉर्डिंग सुनी तो उसकी भाषा थोड़ा सख्त है लेकिन पार्षदपति रमेश जोशी को यह कहना कि वह अपने अफसरों के प्रति उत्तरदायी हैं या फिर पार्षद उनसे बात करें,यह टिप्पणी उचित लगती है। जहां राकेश की गिनती एक अच्छे सफाई नायक के रूप में होती है,वहीं राकेश की जुबानी दरअसल इस प्रकरण से कुछ रोज पूर्व सामने आया था कि रमेश जोशी कथित रूप से सन्नी नामक सफाई कर्मी को एक बहुमंजिला भवन में ले गए और वहां सेनेटाइजर में डलने वाली दवा जरूरत से ज्यादा डलवाकर सेनेटाइज करवा रहे थे,इससे वहां हादसा हुआ और वह कर्मचारी इतनी बुरी तरह झुलस गया कि उसके घाव देखकर आंखे भीग जाती है। असल हो क्या रहा है कि नए नए पार्षदपति या पार्षदपुत्रों में अपने इलाको में स्वयं द्वारा काम कराया जाना दिखाने की होड़ लगी है। इसी होड़ में यह लोग सेनेटाइजर में जो दवा प्रयोग करवा रहे हैं उसकी निर्धारित मात्रा होनी तो दस लीटर में 100 मिली.ली.चाहिए,जबकि होड़ के चलते उसे ज्यादा डलवा रहे हैं। बहरहाल यह समझ से परे है कि कथित अभद्र व्यवहार की जो भी घटना हुई है उसमें या तो सफाई नायक राकेश दोषी है या रमेश जोशी,पर इस्तीफा क्यों देंगी देवकी जोशी???शायद पति के साथ हुई कथित घटना को उन्होंने दिल पर लिया है। खैर इस मामले को लेकर महिला पार्षदों के पति या पुत्र और उधर सफाई कर्मी अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं। उधर भाजपा पार्षद दल की बैठक भी इस मसले पर देर शाम होने की सूचना मिली है।

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