खोल दू पोल(रुड़की नगर निगम चुनाव स्पेशल) चुनाव की घोषणा के बावजूद गौरव गोयल पर नही लगी आचार संहिता?या फिर बेसुध है प्रशासन?

रुड़की(संदीप तोमर)। विगत 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की जनसभा सम्पन्न होने के बाद सायं के समय ही प्रदेश सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा रुड़की नगर निगम के बहुप्रतीक्षित चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया गया था। इसके बाद 23 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से विधिवत चुनाव का ऐलान करते हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू होने का दावा किया गया था। लेकिन रुड़की मेयर पद हेतु भाजपा टिकट के दावेदार गौरव गोयल पर आचार संहिता या तो अभी लागू नही हुई?या फिर इस बाबत स्थानीय प्रशासन बेसुध बना हुआ है।


भले अभी पार्टी टिकट की घोषणा भी न हुई हो और गौरव गोयल अभी विधिवत प्रत्याशी भी न बने हों,किंतु नामांकन पत्र खरीद चुके गौरव गोयल की हाल फिलहाल की कई गतिविधियां आचार संहिता उल्लंघन की जद में आ रही हैं।


प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस से मेयर या पार्षद पद के जितने भी दावेदार हैं,वह सभी टिकट की भागदौड़ में लगे हैं। किंतु दो दिन के भीतर इनमें मेयर पद के भाजपा टिकट दावेदार गौरव गोयल की गतिविधियां ऐसी नजर आयी हैं जो आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने पर सवाल खड़े कर रही हैं और यदि ऐसा नही है तो स्थानीय प्रशासन की बेसुधी को उजागर कर रही है। खुद गौरव गोयल व उनके समर्थकों की ओर से शोसल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर यूं तो कई वीडियो डाले जा रहे हैं किंतु इनमें एक वीडियो सर्कुलेट किया जा रहा है,जिसमें कुछ लोग सीधे बोलते हैं कि “मेरा वोट गौरव गोयल को”। हालांकि कुछ चुनिंदा लोगों के कथन के आधार पर प्रायोजित तरीके से बनवाया गया यह वीडियो गौरव गोयल द्वारा मेयर टिकट के लिए अपनी पार्टी भाजपा पर दबाव बनाने की किसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है? और यह वीडियो आचार संहिता लागू होने से पूर्व ही शोसल मीडिया पर आ गया था,किंतु अचार संहिता के दृष्टिगत अब इस वीडियो को सही नही ठहराया जा सकता। आचार संहिता लागू होने के बाद गौरव गोयल के समर्थकों द्वारा ही इस वीडियो को सर्कुलेट किये जाने तक बात सीमित रहती तो भी ठीक था,किंतु भाजपा प्रत्याशी बनने के ख्वाब देख रहे गौरव गोयल खुद इस वीडियो को लोगों को भेज रहे हैं। ऐसी ही दूसरी गतिविधि के रूप में गौरव गोयल ने आज ही आर्य कन्या पाठशाला स्कूल रुड़की व सुनहरा के सरकारी प्राथमिक स्कूल में पुस्तकों का वितरण किया है। यह अपने आप में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की श्रेणी में आता है,किंतु इस सबके लिए शायद गौरव गोयल को कोई विशेष छूट प्रदान कर दी गयी लगती है।खैर इस बाबत पक्ष जानने को भाजपा नेता गौरव गोयल से मोबाइल पर सम्पर्क का प्रयास किया गया,किंतु उनका फोन नही मिल पाया।

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