जिला पंचायत की राजनीति में शोले के “हरिराम नाई” की तरह उभरा एक किरदार,जानिए सम्भावित उठापठक की बातें…


रुड़की(संदीप तोमर)। हरिद्वार जिला पंचायत की राजनीति फिलहाल ऊपरी तौर पर जितनी शांत नजर आ रही है,अंदरूनी तौर पर उतनी है नही। बल्कि यह कहा जाए कि यह खामौशी किसी तूफान के आने का संकेत है तो शायद गलत न होगा। हां,जिला पंचायत की राजनीति के धुरंधर बसपा प्रदेश उपाध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती सविता चौधरी के जेठ चौधरी राजेन्द्र सिंह पूर्व की भांति इस तूफान को भी कानूनी मदद लेकर अथवा अन्य, साम-दाम-दंड-भेद वाले तरीकों से निपटा देंगे या नही?जहां यह देखने वाली बात होगी,वहीं फिलहाल पक्ष विपक्ष की जो रणनीति चल रही है उसमें एक किरदार शोले फ़िल्म के बहुचर्चित “हरिराम नाई” वाली भूमिका में उभरा है। फिलहाल चर्चा का विषय बने इस किरदार के जरिये पक्ष-विपक्ष किस तरह एक दूसरे को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है और किस तरह अपने खेमे की अंदरूनी सूचनाएं लीक हो जाने पर अपने बीच के लोगों के ही एक्सरे करने पड़ रहे हैं,ऐसी ही कुछ मजेदार जानकारियों के साथ जिला पंचायत की संभावित उठापठक को लेकर इस ख़बर में आगे चर्चा करेंगे।
जिला पंचायत की पक्ष विपक्ष की राजनीति से लोग वैसे अवगत हैं ही,किन्तु फिर भी यहां थोड़ी जानकारी दे देते हैं। बसपा से जुड़ी अध्यक्षा श्रीमती सविता चौधरी को पद से उतारने को भाजपा में सीएम ग्रुप के समझे जाने वाले सुभाष वर्मा का खेमा आतुर है। उनकी आतुरता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस खेमे ने मानकपुर सीट से बबली चौधरी से इस्तीफा दिलवाकर सुभाष वर्मा को चुनाव लड़वाया और लगभग 80 वोट से चुनाव जीतकर सुभाष वर्मा लगातार अपने खेमे के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी कब्जाने के फेर में लगे हैं। इस बाबत उनके कई प्रयास अभी तक चौधरी राजेन्द्र सिंह की सक्रियता से विफल हो चुके हैं। हाल फिलहाल भी वर्मा खेमा ऐसा ही कोई बड़ा कदम उठाने जा रहा है,ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं। इस पर चर्चा आगे करेंगे,यहां फिलहाल जान लेते है उस किरदार के बारे में जो पक्ष-विपक्ष के बीच की पटकथा में शोले फ़िल्म के बहुचर्चित “हरिराम नाई” वाले किरदार की तर्ज पर उभरा है। दरअसल वास्तव में भी यह किरदार नाई का ही काम करता है और जिला पंचायत की राजनीति के दोनों पक्ष व विपक्ष के कुछ नेता इस किरदार के पास अपना दाढ़ी बालों का काम करवाते हैं। इस किरदार का निजि तौर पर झुकाव इनमें से एक खेमे की तरफ बताया जाता है। यूं अपने आप में यह किरदार राजनीति की गहरी जानकारी भी रखता है और उसके अंदाज की चर्चा अक्सर रुड़की के राजनीतिक गलियारों में होती है। लेकिन फिलहाल यह किरदार इसलिए ज्यादा चर्चा में बताया गया है कि राजेन्द्र सिंह विरोधी खेमे की कुछ अंदरूनी बातें उस तक पहुंच गई। सूत्रों के अनुसार इस खेमे ने इस बात को गम्भीर माना और आपस में मंथन किया कि किस ने दाढ़ी बनवाते या बाल कटवाते हुए राज उगला। सूत्रों ने यह भी बताया कि आगे से रणनीति बनाई गई कि उसके सामने गलत सूचना दी जाए जिससे सामने वाला पक्ष भृमित हो सके। अब यह रणनीति कितनी कारगर होगी,पता नही?लेकिन हरिराम की तर्ज पर किरदार के जरिये यह पक्ष भी दूसरे पक्ष को अपनी गलत जानकारी देकर भृमित न कर रहा हो,यह भी इस पक्ष को सोचना होगा। खैर जिला पंचायत की राजनीति में जहां यह किरदार फिलहाल चर्चा में है,वहीं चर्चा यह भी है कि वर्मा खेमा अध्यक्ष खेमे के खिलाफ शासन स्तर से किसी मामले को लेकर बड़ा कदम उठवाने की तैयारी तो कर ही रहा है साथ ही कुछ सदस्यों में भी तोड़फोड़ की तैयारी है। यह देखने वाली बात होगी कि वर्मा खेमा कब और क्या बड़ा कदम उठाता है और पिछली बार की तरह चौधरी राजेन्द्र सिंह उसकी काट कर पाते हैं या नही?

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