हिमालय की लोक कला – परंपरा, पर्यावरण, सामाजिक आर्थिक पर कार्य करेगा -हेरिटेज


रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।।
हिमालय सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर्यावरण, महिला ससक्तिकरण, ग्रामीण विकास के लिए हिमालयन इकोलोजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर ट्रेनिंग एंड ग्रासरूट इन्हेंसमेंट (हेरिटेज) का गठन किया गया हैं | संस्थान की और से छात्राओं को शोध कार्य में मदद के लिए स्व. श्रीमती बीना पालीवाल फ़ेलोशिप भी शुरु की जायेगी जिसमें हर वर्ष बी.पी.एल परिवार की छात्रा का चयन किया जाएगा | जिसे

हेरिटेज की और से एक साल तक 60 हजार रूपये की स्कालरशिप दी जायेगी | यह संस्थान यह संस्थान सामाजिक, पारिस्थितिक, आर्थिक और भौतिक प्रणालियों के बीच के जटिल संबंधों में संतुलन बनाए रखने का प्रयास करेगा इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संस्थान प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञानों के पारस्परिक संबंधों पर जोर देते हुए अपने सभी अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों में बहु-विषयक और समग्र

दृष्टिकोण पर सहोद कार्य भी करेगा | नाजुक पर्वतीय पारितंत्रों, ज्ञान प्रणालियों और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग के संरक्षण पर विशेष रूप से ध्यान देने के साथ विभिन्न कार्यक्रमों की दीर्घकालिक स्वीकार्यता और सफलता के लिए स्थानीय निवासियों की भागीदारी सुनिश्चितत करने के लिए कार्य करेगा | प्रो. राजेश चन्द्र पालीवाल ने बताया कि हिमालयन इकोलोजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर ट्रेनिंग एंड ग्रासरूट इन्हेंसमेंट आपदा, पलायन, पर्यावरण, कमजोर वर्ग, के साथ साथ लोक कलाओं की विरासत को बचाने हेतु भी कार्य करेगी साथ ही नदी नौलों का भी अध्ययन किया जाएगा | संस्था के साथ कई शिक्षाविद राज्य के प्रसासनिक अधिकारीयों के साथ साहियकारों, कलाकार भी जुड़ रहे हैं जिने माध्यम से हिमालयी राज्यों पर काम किया जाएगा विशेषकर उत्तराखंड राज्य को लेकर संस्था का मुख्य फोकस रहेगा | आगामी हल्द्वानी की बैठक में सारे बिन्दु पर चिंतन मंथन होगा

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