देश की पहली महिला डीजीपी रही कंचन चौधरी भट्टाचार्य की अस्थियां सोमवार को हरिद्वार में हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड से गंगा में प्रवाहित की गई


नितिन कुमार रुड़की हब
रूड़की-देश की पहली महिला डीजीपी रही कंचन चौधरी भट्टाचार्य की अस्थियां सोमवार को हरिद्वार में हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड से गंगा में प्रवाहित की गई l उनकी दोनों बेटियां कनिका और कावेरी ने कर्म कांड के बाद अस्तिया प्रभावित की l देश की पहली बीजेपी रही कंचन चौधरी भट्टाचार्य सर्वाधिक समय तक उत्तराखंड की डीजीपी रही l उनके जैसा सहज; सरल; व्यक्तित्व का जाना समाज की बड़ी क्षति है l उनकी अस्थियां गंगा की गोद में समा गई ;लेकिन उनकी स्मृतियां लंबे समय तक प्रेरणा देती रहेगी! पुलिस अधिकारी बताते हैं कि डीजीपी का व्यवहार ऐसा था कि एक बात एक पीड़ित महिला उनके साथ हुई चाहती बताते हुए फफक रही थी। कंचन मैडम दो घड़ी पहले तक अनजान उस पीड़ाता को अपना बना लिया। उसके दुख को महसूस करते हुए वह स्वयं अपने आंसू नहीं रोक पाई। आशु से भरे उनके चेहरे की तरफ देखने का सास मैं नहीं जुटा पा रहा था। डीजीपी बहुत महान व्यक्तित्व की धनी थी। ऐसे अधिकारियों को भूलकर भी नहीं भुलाया जा सकता है जो कि आज के समय के अधिकारियों के प्रेरणास्रोत रहे हो। सोमवार सुबह परिवार के लोग अच्छे लेकर हर की पौड़ी पहुंचे जहां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पुलिस के बड़े अधिकारी मौजूद थे। पूर्व डीजीपी को श्रद्धांजलि देने के लिए हरिद्वार पुलिस ने विशेष इंतजाम किए थे। क्या कंचन चौधरी के पति देव भट्टाचार्य के अलावा डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार, मेला आईजी संजय गुंज्याल, अमित सिन्हा, आईजी गढ़वाल रेंज अजय रौतेला, एसएससी सेंट्रल अभुदय कृष्णराज एस आदि उपस्थित थे।

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