सनत शर्मा हरिद्वार। 11 फरवरी के स्नान की पूर्व संध्या पर जनपद हरिद्वार के मंडावर थाना भगवानपुर बॉर्डर पर एक भयानक मंजर देखने को मिला। जब रात को 10-12 लड़के हाथों में डंडा व हॉकी लिये हुए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की गाड़ियों को बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों की नजरों के सामने रोकते हुए नजर आए।
इसका खुलासा तब हुआ जब हमारे एक साथी सनत शर्मा के सामने 10-12 लड़कों ने उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया जो हाथों में डंडा और हॉकी लेकर खड़े थे। उन्होंने जब उनसे पूछा कि आपको यह अधिकार किसने दिया तो वे भागते नजर आए एवं हाथों में लिये डण्डे व हॉकी को फेंकते नजर आये। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि यह सब कारनामा खुलेआम सड़क पर हो रहा है। इस सम्बंध में जब साथी ने वहां खड़े पुलिस कर्मियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि सीएमओ हरिद्वार के आदेश पर ये लड़के जांच कर लिया खड़े है।. मामले को जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी शम्भूनाथ झा के संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने कहा कि जांच के नाम यदि इस प्रकार की गुंडागर्दी की जा रही है तो वह गलत है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए सीएमओ ने बताया कि उन्होंने तुरंत कार्यवाही करते हुए वहां तैनात कर्मियों को हटा दिया। अब बड़ा सवाल उठता है यह तो हमारे साथी ने देख लिया और तुरंत वीडियो बनाकर हम तक व सीएमओ तक भेज दी लेकिन यदि यह कार्यवाही बॉर्डर पर चलती रहती तो मेला प्रशासन व सरकार की कितनी बदनामी होती इसका अंदाजा लगाना मुश्किल था।
. दूसरा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि स्नान से पूर्व क्या राज्य सरकार व जिला व मेला प्रशासन भी यही चाहता है कि बॉर्डर पर खुलेआम इस प्रकार की गुंडागर्दी की जाए जिससे यात्री हरिद्वार आ ही न सके। कोरोना जांच के नाम पर जिस प्रकार जिला प्रशासन व सरकार एसओपी जारी कर रही है उससे तो यही लगता है कि सरकार व जिला प्रशासन नहीं चाहता कि श्रद्धालु हरिद्वार दर्शन करने आये।