शिक्षा महकमों में अब जरूरत पड़ने पर कभी भी बीच सत्र में हो सकेंगे तबादले, ये हैं प्रमुख कारण

केंद्र सरकार व विभागीय योजनाओं पर तेजी से काम करने के लिए विभाग आवश्यकता के अनुसार पीएमयू या पीआईयू का गठन करेंगे। उक्त घटन छह माह जो भी हों कि अवधि तक दक्ष कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार तैनात किया जा सकेगा।प्रदेश सरकार की ओर से वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम के प्रावधानों में ढील के बाद अब उच्च शिक्षा और विद्यालयी विभाग में शैक्षणिक सत्र के दौरान भी तबादले हो सकेंगे। छात्रों को अनवरत शिक्षा सुलभ कराने के उद्देश्य से शैक्षणिक सत्र की समाप्ति तक निदेशक उच्च शिक्षा व महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा के अनुमोदन पर मुख्य शिक्षा अधिकारी विभागीय कार्यों के लिए आवश्यकता अनुसार आसपास के महाविद्यालयों, विद्यालयों में से शिक्षकों की तैनाती कर सकेंगे।

ये होंगे प्रमुख कारण

1. संबंधित विषय में पर्याप्त छात्र संख्या होने के बावजूद विषय शिक्षक न हों।

2. संस्था में छात्र संख्या शून्य हो, लेकिन शिक्षक कार्यरत हों।

3. संस्था में स्वीकृत सीटों के सापेक्ष छात्र संख्या बेहद कम हो, ज्यादा हो या शिक्षकों की संख्या कम या ज्यादा हो। ऐसे मामलों के परीक्षण के लिए अपर सचिव उच्च शिक्षा व विद्यालयी शिक्षा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में समिति का गठन होगा।

4. शिक्षकों की सेवानिवृत्ति, स्थानांतरण, दीर्घ अवकाश व अन्य कारणों से शिक्षकों की कमी होने की दशा में।

केंद्र व विभागीय योजनाओं के बनेगा पीएमयू

केंद्र सरकार व विभागीय योजनाओं पर तेजी से काम करने के लिए विभाग आवश्यकता के अनुसार पीएमयू या पीआईयू का गठन करेंगे। उक्त घटन छह माह जो भी हों कि अवधि तक दक्ष कर्मचारियों कोआवश्यकतानुसार तैनात किया जा सकेगा। ऐसे कर्मचारियों के चयन के लिए अपर सचिव उच्च शिक्षा, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा व महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की अध्यक्षता में समिति बनेगी।

सभी विभागों के इंजीनियरों की गृह जिलों में होगी तैनाती

राज्य सरकार के सभी विभागों में अभियंत्रण (इंजीनियरिंग) सेवा के इंजीनियरों को स्थानांतरण अधिनियम में छूट दे दी गई है। अधीक्षण अभियंता से नीचे सभी इंजीनियरों को गृह जिले में तैनाती मिल सकेगी। इसके साथ ही जो इंजीनियर दुर्गम में तैनाती के इच्छुक हैं, उन्हें अनिवार्य तबादलों से छूट मिलेगी। यानी वे दुर्गम में बने रहेंगे, लेकिन उनके खिलाफ प्रशासनिक मामलों में कोई जांच या शिकायत नहीं होनी चाहिए।

ऐसे मामलों में छूट दिया जाना अपरिहार्य होगा तो परिवर्तन, विचलन या छूट का प्रस्ताव सकारण मुख्यसचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के सामने लाना होगा। समिति की सिफारिश पर मुख्यमंत्री के ऐसे मामलों में अनुमोदन कर देंगे। समिति की सिफारिश के क्रम में यह तय हुआ है कि विभागों में इंजीनियरिंग सेवा के अधीक्षण अभियंता को गृहवृत्त या जिले से बाहर तैनाती दी जा सकेगी।

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अधिशासी अभियंता को गृहखंड से इतर स्थानों पर यानी गृह जिले में, सहायक अभियंता या कनिष्ठ अभियंता को गृह उपखंड या तहसील से बाहर यानी गृह जिले के खंड व सर्किल में तैनाती दी जा सकेगी। 58 वर्ष से अधिक आयु के इंजीनियर को पद खाली होने की दशा में इच्छित स्थान पर तैनात किया जा सकेगा। दुर्गम क्षेत्र में तैनात इंजीनियर दुर्गम में ही तैनाती का इच्छुक हैं, तो उन्हें अनिवार्य तबादले से छूट दे दी जाएगी। ऐसे मामलों में अनुरोध के आधार पर एक से अधिक कर्मचारी आवेदन करेंगे तो दुर्गम स्थल में अधिक समय तक तैनात रहने वाले कर्मचारी को वरीयता दी जाएगी।

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