बच्चों को देगा खुशियों का लोन, बेडपुर “स्कूल बैंक


——-प्रेस नोट———-

♦बच्चो द्वारा बच्चो के लिये संचालित स्कूल बैंक की स्थापना की गयी आज रा0प्रा0वि0बेडपुर में।
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रूडकी।शैक्षिक सत्र की शुरूआत के पहले दिन राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेडपुर में बच्चों के “स्कूल बैंक”की विधिवत् शुरूआत की गयी जिसमें स्कूली छात्र/छात्राओं को 0%दर पर खुशियों का लोन मिलेगा।कक्षा-5की बालिका कु0आफरीन को बैक मैनेजर नियुक्त किया गया।आज पहले दिन पुरानी किताबो को भी बैंक में जमा करने का काम किया गया।
गौरतलब है की आए दिन पेंसिल, रबर, कॉपी, पेन आदि के लिए परेशान रहने वाले स्कूली बच्चों के लिए यह योजना बेहद कारगर साबित होगी। बच्चों को स्कूल बैंक से पेन, कटर, क्राफ्ट का सामान और कॉपी लोन के रूप में दी जाऐगी। इस स्कूल बैंक कांसैप्ट की खास बात है कि इस बैंक का संचालन पूरी तरह से स्कूल के छात्र छात्राए ही करेंगे।
स्कूल बैंक इंचार्ज व शिक्षक संजय शर्मा वत्स ने बताया कि इस कांसैप्ट में सुबह प्रार्थना सभा के तुरंत बाद, स्कूल बैंक मैनेजर कक्षा मैनेजरों की सहायता से ज़रूरतमंद छात्रों को 0% लोन पर स्टेशनरी बाँट देता है, जिससे छात्र बिना रुकावट के अपनी पढ़ाई पूरी कर पाते हैं।स्कूल के अंत में (छुट्टी में) स्कूल बंद होने से पहले, छात्र कक्षा मैनेजर की सहायता से वापस उस स्टेशनरी को स्कूल बैंक में जमा कर देते हैं और जमा के हस्ताक्षर कर देते हैं।
इस प्रकार यह सिस्टम कार्य करता है, जिससे छात्रों में अनुशासन, जिम्मेदारी, स्वावलंबन, नेतृत्व आदि बहुमुल्य गुणों का विकास होता है।स्कूल बैंक इंचार्ज व सहायक अध्यापक संजय शर्मा वत्स ने बताया, ” बच्चों को अभिभावक जेब खर्च के लिए कुछ न कुछ पैसा जरूर देते हैं। इससे बच्चे टॉफी , कुरकुरे, चिप्स, नमकीन और चूरन खरीदते थे, जो स्वास्थ्य के लिहाज से नुकसानदायक भी हैं। हमने बच्चों से कहा कि वो जेब खर्च से अपनी इच्छा से जितना हो सके स्कूल बैंक में कितना भी जमा कर सकते हैं। बच्चों को बात समझ आ गई है ।आज पहले दिन करीब 53बच्चो ने बैंक में खाता खोलते हुए स्वेच्छा से पैसे जमा करने की शुरूआत की।निश्चित रूप से इस प्रयास से बच्चों में बचत का गुण विकसित होगा।”
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स्कूल बैंक इंचार्ज सहायक अध्यापक संजय शर्मा वत्स ने बताया कि स्कूल बैंक का मुख्य मकसद शिक्षण प्रक्रिया में आने वाले गतिरोध को खत्म करना है। छात्रों में अनुशासन, स्वावलम्बन, जिम्मेदारी, सहभागिता, सामंजस्य की भावना विकसित करना है। इसके अलावा स्कूल बैंक छात्रों में सहकारिता, बैंकिंग एवं लेखा रख-रखाव जैसे दैनिक जीवन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण गुणों एवं कौशल का विकास करता है।

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