शहीदों के सम्मान में समर्पण का वार्षिक रक्तदान शिविर 23 मार्च को,बैठक में बनाई शिविर की रुपरेखा


रुड़की(संदीप तोमर)।“ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी ज़रा याद करो कुर्बानी” वतन पर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में गत वर्षो की भांति इस वर्ष भी समाज सेवी संगठन “समर्पण जन कल्याण संगठन” रुड़की के कार्यकर्ताओं के द्वारा भारत के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरुप स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन सिविल अस्पताल रुड़की के प्रांगण में 23 मार्च 2019 को प्रातः 10:00 बजे से 5:00 बजे तक आयोजित किया जा रहा है। रुड़की नगर के समस्त नागरिकों से अपील है कि अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान कर  सैनिकों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें और समाज में अपना अमूल्य सहयोग दें।

शिविर की रूपरेखा बनाने के लिए साईं मेडिकल सेंटर पर एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में रक्तदान शिविर की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक का संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राजकुमार सोनकर एवं महामंत्री प्रदीप गोयल ने किया। बैठक में प्रदीप गोयल जी ने कहा कि समर्पण जन कल्याण संगठन विगत 22 वर्षों से रक्तदान शिविर एवं अन्य सामाजिक कार्यों को करता रहा है।  संगठन का उद्देश्य समाज में अधिक से अधिक समाज कल्याण की भावना को प्रेरित करना है और इसी उद्देश्य को लेकर संगठन सदैव कार्य करता रहा है। इन कार्यों में सभी नगर वासियों का आशीर्वाद व सहयोग सदैव मिलता रहा है। भविष्य में भी सभी नगर वासियों से इसी प्रकार के आशीर्वाद व सहयोग की अभिलाषा हम करते हैं। बैठक में हाल ही के दिनों में सीमा पर शहीद हुए सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही यह भी घोषणा की गई कि इस वर्ष रक्तदान शिविर सैनिकों को समर्पित होगा। बैठक में शिविर के प्रचार-प्रसार का दायित्व अरुण कोहली, संदीप यादव व शैलेश बंसल को दिया गया है। बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया की नगर के सभी कॉलेजों में छात्रों से भी इस रक्तदान शिविर के संदर्भ में संपर्क किया जाए और उनकी भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए क्योंकि यह युवा ही देश का भविष्य है। अतः उनकी भागीदारी समाज कल्याण में अवश्य सुनिश्चित होनी चाहिए। इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने ध्वनि मत से स्वीकार किया। बैठक में अंकुर त्यागी, अजय सैनी, विकास गुप्ता, राजेश सोनकर, अतुल सैनी, नितिन सैनी, अमित सिंघल, मनोज मेहरा, सोनू शर्मा नवनीत बेदी, सुमित भारद्वाज व सचिन पंडित आदि ने अपने विचार प्रकट किए।

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