रिपोर्ट रुड़की हब
रुड़की।भगवानपुर का सियासी घमासान जारी है और आरोप-प्रत्यारोप एक दूसरे पर लगाए जा रहे लेकिन बड़ा सवाल यह है कि भगवानपुर का सियासी रण कौन जीतेगा क्या मुकाबला त्रिकोणीय है। लेकिन बड़ी बात यह है कि यह चुनाव स्वर्गीय श्री सुरेंद्र राकेश कैबिनेट मंत्री के द्वारा किए गए कार्यों पर लड़ा जा रहा है तो स्वर्गीय श्री सुरेंद्र राकेश की राजनीति का उत्तराधिकारी कौन क्षेत्र के लोग आज भी
स्वर्गीय श्री सुरेंद्र राकेश जी के कार्यकाल को याद करते हैं बात करें उनके पुत्र अभिषेक राकेश की तो उन्होंने अपने चाचा सुबोध राकेश पर आरोप लगाया कि जब मेरे पिता जी का निधन हुआ तो चाचा सुबोध राकेश को मेरे सर पर हाथ रखना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया मुझे तो क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद मिला और उन्होंने ही मुझे पाला है लेकिन चाचा सुबोध राकेश ने राजनीति के चक्कर में परिवार को नहीं समझा लेकिन फिर भी भगवानपुर क्षेत्र वासियों ने मेरी माता
जी को अगर विधायक बनाया आज कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं और दोनों का नौकओ मे सवार हैं उन जैसे लोगों को भगवानपुर की जनता पहचान चुकी है अभिषेक राकेश ने आगे कहा जब मेरे पिता कैबिनेट मंत्री खेत तो चाचा सुबोध राकेश का रवैया क्षेत्र वासियों के लिए ठीक नहीं था जो भी क्षेत्रवासी मिलने आते थे तो कई बार ऐसा सुनने मैं आया है उन्होंने क्षेत्र के लोगों को कहा तुम्हारा ठेका नहीं उठा रखा है लेकिन जब यह बात मेरे पिता स्वर्गीय श्री सुरेंद्र राकेश जी को पता चली तो उन्होंने चाचा को बहुत धमकाया और कहा यह लोग मेरे अपने हैं उन्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है और आज वह समाज के ठेकेदार बन रहे हैं कमाल की बात है कि सुबोध राकेश बीजेपी छोड़कर बसपा में आए हैं लेकिन उनकी माता जी आज भी बीजेपी में है। 2 अप्रैल को भी समाज के साथ कहीं खड़े नजर नहीं आए भगवानपुर की जनता समझदार है 14 फरवरी को जनता ऐसे व्यक्ति को जवाब देगी और अबकी बार भी भारी मतों से मेरी माता जी भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनेगी